रायपुर । मजबूत इरादे और दृढ़ इच्छा शक्ति से डॉक्टर बनने की राह मिल गई है। राजनांदगांव जिले मोहला विकासखंड के सुदूर ग्राम माडिग-पिडिंग (भूर्सा) के निवासी खिलेन्द्र कुमार ने कड़ी मेहनत एवं लगन से राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित परीक्षा नीट (नेशनल एलिजिबिलिटी कम एन्ट्रेंस टेस्ट) में सफलता हासिल की है। शासन की ओर से उन्हें पढ़ाई में भरपूर मदद मिली।
ये भी पढ़ें- राज्यपाल अनुसुइया उइके ने कांग्रेस नेताओं को दिया जवाब, बोलीं- ‘किस…
विद्यार्थी खिलेन्द्र कुमार ने बताया कि आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण शासन की ओर से की गई मदद से संबल मिला। ग्रामीण क्षेत्रों में विद्यार्थियों को शासन की योजनाओं से आगे बढने का अवसर मिल रहा है। उन्होंने बताया कि उनके पिता गंभीर राम किसान है और मां दीना बाई गृहिणी है। कक्षा 9वीं एवं 10वीं कक्षा की पढ़ाई के लिए ग्राम माडिग-पिडिंग से 2 किलोमीटर रेंगाकठेरा आना पड़ता था। आगे की पढ़ाई एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय पेण्ड्री राजनांदगांव से हुई है, जहां जीवन को नई दिशा मिली। उन्होंने कहा कि वे न्यूरोसर्जन बनना चाहते है। एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय में शासन की ओर से रहने एवं भोजन की निःशुल्क व्यवस्था है।
ये भी पढ़ें- किशोर लड़की ने की अपने पिता की हत्या, फिर खुद ही डायल 100 में कॉल क..
खिलेन्द्र ने बताया कि एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय पेण्ड्री राजनांदगांव में एवं प्राथमिक कक्षा के शिक्षकों ने उन्हें पढने के लिए बहुत प्रेरित किया। उन्हें आदिमजाति कल्याण विभाग द्वारा नीट में कोचिंग के लिए रायपुर के ग्रुप से जोड़ा गया था। जो परीक्षा की तैयारी के लिए कारगर रहा। ग्रुप में नीट परीक्षा की तैयारी के लिए कंटेंट उपलब्ध कराए गए। कोविड-19 की वजह से रायपुर कोचिंग के लिए नहीं जा पाए। लेकिन ऑनलाइन क्लास से बहुत फायदा मिला।