भोपाल। मध्यप्रदेश कांग्रेस ने हाल में 15 साल का सूखा खत्म कर सत्ता हासिल की है। अब कांग्रेस और मुख्यमंत्री कमलनाथ के सामने प्रदेश की 29 लोकसभा सीटे जिताने की बड़ी चुनौती है। कमलनाथ ने अपने बूथ लेवल के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को साफ कर दिया है कि अगर अपना बूथ हारे तो उनके लिए सीएम हाउस के दरवाज़े हमेशा के लिए बंद हो जाएंगे।
दरअसल लोकसभा प्रभारियों की रिपोर्ट में इस बात का जिक्र है कि बूथ लेवल पर कार्यकर्ताओं के बीच अब भी गुटबाज़ी नज़र आ रही है। विधानसभा चुनावों में हारे हुए प्रत्याशियों ने भी कांग्रेस नेताओं पर उन्हें हराने का आरोप लगाया था। लिहाज़ा पीसीसी चीफ कमलनाथ ने कार्यकर्ताओं को चेतावनी देते हुए कह दिया है कि बूथ हारने वाले पदाधिकारी सीएम हाउस से कोई उम्मीद न करें।
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वहीं मप्र कांग्रेस के प्रवक्ता दुर्गेश शर्मा का कहना है कि कार्यकर्ताओं की जवाबदेही तय करना ज़रुरी है, इसलिए सीएम कमलनाथ ने ऐसा कहा है। वहीं मामले में बीजेपी जिला अध्यक्ष विकास विरानीका कहना है कि उनके(कमलनाथ के) विधायक उनकी नहीं सुनते, ऐसे में कार्यकर्ताओ क्या सुनेंगे।