ग्वालियर: सिंधिया के मध्यप्रदेश दौरे को लेकर सियासत गरमाई हुई है। सिंधिया के दौरे को उनके समर्थकों को एडजस्ट कराने की कवायद के तौर पर देखा जा रहा है। हालांकि बीजेपी नेताओं से मेल-मिलाप को उन्होंने सामान्य बताया, लेकिन कांग्रेस ने उन पर करारा तंज कसा है।
सिंधिया का मध्यप्रदेश दौरा और BJP नेताओं से मेल-मिलाप की तस्वीरों ने सिंधिया समर्थकों में पुनर्वास की आस जगा दी है। सिंधिया चाहते हैं कि उनके समर्थकों का इंतजार खत्म हो और जल्द उनकी संगठन और सरकार में भागीदारी सुनिश्चित की जाए। इसके लिए लंबे समय से वो नेतृत्व पर दबाव बना रहे हैं, हालांकि सिंधिया ने इन बातों से साफ इंकार रह रहे हैं।
खबर है कि सिंधिया सरकार और संगठन में अपनी हिस्सेदारी से नाखुश हैं। इसलिए भी दुखी हैं कि बीजेपी ने प्रद्युम्न सिंह लोधी और राहुल लोधी को बीजेपी में शामिल करते ही निगम मंडलों में जगह दे दी, लेकिन इमरती देवी, एंदल सिंह कंसाना और गिर्राज दंडोतिया समेत उनके कई साथी नेता इंतजार ही कर रहे हैं। हालांकि सिंधिया ने CM शिवराज सिंह की जमकर तारीफ की है, उन्होंने कहा है कि शिवराज सिंह प्रदेश सरकार के मुखिया है, नेतृत्व परिवर्तन की बात कहां से आई वो नहीं जानते। इधर अपने समर्थकों के लिए सिंधिया की जद्दोजहद पर कांग्रेस ने तंज कसा है।
दरअसल सिंधिया चाहते हैं कि उनके केंद्रीय मंत्री बनने से पहले समर्थकों की ताजपोशी हो जाए। ऐसा ना होने पर समर्थकों में गलत संदेश जाने का खतरा है।