ज्योतिरादित्य सिंधिया और हर्ष चौहान होंगे मध्यप्रदेश से भाजपा के राज्यसभा उम्मीदवार: सूत्र

ज्योतिरादित्य सिंधिया और हर्ष चौहान होंगे मध्यप्रदेश से भाजपा के राज्यसभा उम्मीदवार: सूत्र

  •  
  • Publish Date - March 11, 2020 / 10:10 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:54 PM IST

भोपाल: मध्यप्रदेश में मचे यियासी घमासान की गूंज दिल्ली तक पहुंचने के बाद आज आखिरकार ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भाजपा का दामन थाम लिया है। सिंधिया ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित कई बड़े नेताओं की मौजूदगी में भाजपा का दामन थामा है। इसी बीच खबर आ रही है कि भाजपा की सदस्यता लेते ही ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम राज्यसभा के लिए ऐलान किया गया है। वहीं, एक और नाम है, जिस पर पार्टी ने मुंहर लगाई है। हर्ष चौहान को भी पार्टी ने राज्यसभा का उम्मीदवार बनाया है। फिलहाल ये खबरें हमारे सूत्रों के हवाले मिली है, अधिकारिक घोषणा बाकी है।

Read भाजपा की सदस्यता लेने के बाद सिंधिया बोले- कांग्रेस में रहकर पूरा नहीं हो सकता जनसेवा का लक्ष्य

भाजपा में शामिल होने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि सबसे पहले मैं धन्यवाद देता हूं जेपी नड्डा, पीएम मोदी और गृहमंत्री शाह को जिन्होंने मुझे अपने परिवार में आमंत्रित किया।

Read More: ज्योतिरादित्य सिंधिया ने थामा भाजपा का दामन, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने दिलाई सदस्यता

मेरे जीवन में दो तारीखें अहम हैं। पहला दिवस 30 सितंबर 2001 जिस दिन मैंने अपने पिता जी को खोया। एक जीवन बदलने का दिवस था मेरे लिए। दूसरी तारीख 10 मार्च 2020 जो उनकी 75वीं वर्षगांठ थी। जब जीवन में मैने नई परिकल्पना का सामना करते हुए नया फैसला लिया है। मैंने सदैव माना है कि भारत मां को मानकर लक्ष्य होना चाहिए।

Read More: इंटरनेट सनसनी : खुद के शयन का वीडियो करें लाइव, एक रात में लाखों कमा रहे लोग

मेरे पिताजी और मुछे पिछले 18 साल में जो मिला है, उनमें पूरी श्रद्धा से देश की सेवा करने की कोशिश की। लेकिन मन व्यथित है चिंतित है। मैं आज पूरे विश्वास से कह सकता हूं कि आज जनसेवा का लक्ष्य कांग्रेस के माध्यम से नहीं हो सकती है। वर्तमान में जो कांग्रेस की स्थिति है वो पहले जैसे नहीं रही।

Read More: मुख्यमंत्री निवास के बाहर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने ज्योतिरादित्य सिंधिया और अमित शाह का पुतला फूंका, ​जताया विरोध

मध्यप्रदेश में एक सपना हमने पिरोया था, लेकिन 18 म​हीने में ही बिखर गया। आज भी किसानों की ऋणमाफी नहीं हो पाई। किसी भी वादों पर मध्यप्रदेश की सरकार खरा नहीं उतर पाई। किसान ही नहीं युवा भी सरकार से त्रस्त हैं। रोजगार के अवसर नहीं है। रोजगार के अवसर नहीं रहने पर भ्रष्टाचार का उदय होता है। मध्यप्रदेश में भ्रष्टाचार का का खेल चल रहा है। ट्रांसफर उद्योग चल रहा है। रेत का मा​फियागिरी चल रहा है।