भोपाल: इस वक्त जब सारे देश मे कोविड संक्रमण की तीसरी लहर को लेकर तैयारियों का दौर जारी है, तब ऐसे नाजुक दौर में मरीज और उनके परिजनों को एक नई समस्या से दो-चार होना पड़ रहा है वो है जूडा की हड़ताल। लाख दावे हों वैकल्पिक व्यवस्था के लेकिन फिर भी भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर हर जगह अस्पतालों में जूनियर डॉक्टर्स के कामबंद करने के बाद से सरकार और जूडा के बीच अब तक बात नहीं बन पाई है। सरकार सख्ती के मूड में है तो जूडा विरोध के नए-नए तरीके खोज रही है? बातचीत का हर विकल्प खुला होने के बाद भी आखिर बात बन क्यों नहीं पा रही?
ग्वालियर की ये तस्वीरें जूनियर डॉक्टरों के गुस्से को बताने के लिए काफी है। कोविड ड्यूटी के वक्त जिस सरकार ने डॉक्टरों पर फूल बरसाए थे। आज वही फूल जूनियर डॉक्टर्स सरकार को इस अंदाज में वापस लौटा रहे हैं। हड़ताली डॉक्टरों ने थाली और ताली बजाकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। भोपाल और इंदौर में भी जूनियर डॉक्टर्स ने अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया। जैसे-जैसे दिन बीत रहा है। जूनियर डॉक्टर्स और सरकार के बीच विवाद गहराता जा रहा है। शुक्रवार को सरकार के निर्देश पर GRMC के डीन ने इस्तीफा देने वाले जूनियर डॉक्टरों को बांड भरने और हॉस्टल खाली करने के नोटिस जारी कर दिए। इसे जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन ने दमनकारी कार्रवाई बताया है। सरकार के रवैये से नाराज जूनियर डॉक्टरों ने अब कोविड ड्यूटी करने पर मिले कोरोना वॉरियर्स के सर्टिफिकेट लौटाने की तैयारी कर रहे हैं।
जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल पर अब सियासी रंग भी चढ़ने लगा है। पहले राहुल गांधी ने ट्वीट कर निशाना साधा कि ‘कोरोना के साथ डॉक्टरों को बीजेपी सरकार से बचाने की जरूरत है। राहुल के ट्वीट के बाद कांग्रेस नेता भी खुलकर सामने आ गए हैं। पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने जूनियर डॉक्टरों से बॉन्ड की 10 से 30 लाख रुपए तक राशि वसूलने के आदेश को तुगलकी फरमान बताया है।
जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल को 6 दिन हो चुके हैं। हाईकोर्ट के आदेश के बाद भो अपनी जिद पर अड़े हुए हैं। इधर जूनियर डॉक्टर की हड़लात को चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कांग्रेस से जोड़ दिया है, उन्होंने कहा है कि कांग्रेस नेता जूनियर डॉक्टर्स को गुमराह कर रहे है। वहीं बीजेपी अध्यक्ष का भी मानना है कि जूडा को उकसाने का काम कांग्रेस नेता कर रहे हैं, लेकिन उन्होंने ये भी कहा कि जूडा सरकार को ब्लैकमेल नहीं कर रहे हैं। इधर मुख्यमंत्री शिवराज ने भी भरोसा दिया कि संबंधित विभाग इस मामले में हल निकाल रहा है।
बहरहाल मरीज़ों के हक में न जूनियर डॉक्टर झुकने को राजी हैं न ही सरकार। दोनों के विवाद में भुगतना मरीज़ों को ही पड़ रहा है। इस बीच जूडा की हड़ताल को पूरे देश से समर्थन मिल रहा है। देश भर में मेडिकल बिरादरी से जुड़े लोग भी जूडा के समर्थन में मध्यप्रदेश की सरकार को चिट्ठी लिख रहे हैं। फिलहाल बीजेपी वेट एंड वॉच के स्टैंड पर है, उसकी कोशिश है कि सरकार अपने स्तर पर मामले को सुलझा ले, लेकिन जूडा और सरकार के बीच बढ़ती खाई को देखकर लगता नहीं कि मसला आसानी से सुलझ सकेगा।