रीवा: मध्य प्रदेश सिविल जज परीक्षा के घोषित बेटियों ने बाजी मारी है रीवा की जस्मिता शुक्ला पहली पोजीसन, शिखा चतुर्वेदी दूसरे और रेखा दिवेदी ने तीसरा स्थान हासिल किया है। जस्मिता ने इस ऐतिहासिक सफलता को स्वयं ट्यूशन पढ़ाकर हासिल किया। जस्मिता के पिता लकवा ग्रस्त है और आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहे थे।
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23 वर्षीय जस्मिता मात्र 1 वर्ष अपनी बड़ी बहन अर्पिता शुक्ला के साथ सिविल जज की परीक्षा में बैठी थी। दोनों ने फरवरी 2019 में प्री और अप्रैल माह में मेन्स पास किया, लेकिन मंजिल तक पहुंचने के मामले में जस्मिता अपनी बड़ी बहन से आगे निकल गई। प्रदेश में जस्मिता को पहली पोजीसन मिली जबकि बड़ी बहन असफल रहीं। जस्मिता और उनकी बड़ी बहन वर्ष 2014 से स्कूली बच्चों को ट्यूशन पढ़ा रही हैं।
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जस्मिता और अर्पिता के लिए जीवन में संघर्ष उस समय बहुत ज्यादा हो गया, जब उनके पिता रंगनाथ शुक्ला 8 साल पहले लकवा से ग्रसित हो गए थे। लकवाग्रस्त होने के बाद से पढाई और भरण पोषण की कठिनाइयों के लिए के लिए बहनों ने ट्यूशन पढ़ाने की शुरुआत की। हायर सेकेंडरी में 90 प्रतिशत से अधिक अंक लाने पर जस्मिता को छात्रवृत्ति मिल रही थी। जस्मिता ने जहां स्कूल की पढ़ाई आदर्श गर्ल्स हाई स्कूल से पूरी की है। वहीं, बीए-एलएलबी में टीआरएस कॉलेज से 82 प्रतिशत अंकों के साथ वे टॉपर रहीं। जस्मिता को ड्राइंग और पेंटिंग का शौक भी रहा है। रंगनाथ शुक्ला और रजनी शुक्ला की बेटी बचपन से ही लगन के साथ पढ़ाई करती रहीं है।
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