पुलवामा हमले में शहीद जवानों से संबंधित याचिका में फैसला रिजर्व, जवानों को शहीद का दर्जा देने लगाई गई है जनहित याचिका
पुलवामा हमले में शहीद जवानों से संबंधित याचिका में फैसला रिजर्व, जवानों को शहीद का दर्जा देने लगाई गई है जनहित याचिका
ग्वालियर । मप्र हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने पुलवामा हमले में शहीद जवानों से संबंधित एक याचिका में फैसला रिजर्व रख लिया है। आतंकी हमले में शहीद हुए जवानों को लेकर एक जनहित याचिका दायर की गयी थी। याचिका में शहीद जवानों के परिजनों को 5-5 करोड़ रुपये, एक मकान, परिवार के सदस्य को नौकरी की मांग की गयी है। याचिका पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने अपना फैसला रिजर्व कर लिया है। याचिका में कहा गया है कि पुलवामा हमले में इंटेलिजेंस का फेल्युर सामने आया है। खुफिया विभाग के अफसरों पर दंडात्मक कार्रवाई की मांग भी याचिका में की गई है। पिटीशन में हमले में मारे गए जवानों को शहीद का दर्जा देने की मांग की गई है।
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याचिकाकर्ता उमेश बोहरे ने अपनी जनहित याचिका में भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय, गृह सचिव भारत सरकार, सीआरपीएफ डीजी और रक्षा सलाहकार को पार्टी बनाया है। हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता के वकील और प्रतिवादियों का पक्ष सुन लिया है। कोर्ट ने आर्डर रिजर्व कर लिया है। कोर्ट जनहित याचिका पर एक- दो दिन में ऑर्डर सुना सकती है। आपको बता दें कि 14 फरवरी को जम्मू कश्मीर के पुलवामा हुए आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे।

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