2011 में सोनिया, मनमोहन सिंह और शरद पवार APMC लागू करने के लिए ऐड़ी-चोटी का जोर लगा रहे थे और आज…: सीएम शिवराज

2011 में सोनिया, मनमोहन सिंह और शरद पवार APMC लागू करने के लिए ऐड़ी-चोटी का जोर लगा रहे थे और आज...: सीएम शिवराज

  •  
  • Publish Date - December 7, 2020 / 03:23 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:39 PM IST

हैदराबाद: सीएम शिवराज सिंह चौहान सोमवार को हैदराबाद दौरे पर थे। हैदराबाद प्रवास के दौरान उन्होंने केंद्र सरकार के कृषि कानून को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कांग्रेस पर करारा प्रहार किया। सीएम शिवराज ने मीडिया को संबोधित करते हुए तत्कालीन कृषि मंत्री शरद पवार के पत्र को सामने रखकर कहा कि 2011 में सोनिया, मनमोहन सिंह और शरद पवार एपीएमसी एक्ट को लागू करने के लिए जमीन आसमान एक कर रहे थे और आज वे किसानों के साथ होने का ढकोसला कर रहे हैं।

Read More: ट्वीट कर स्वास्थ्य मंत्री से मांगी मदद, मंत्री सिंहदेव ने “बोन मेरो ट्रांसप्लांट के लिए प्रदान किया 16 लाख 65 हजार का चेक

उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस का जहाज डूब रहा है इसलिए किसानों को भ्रमित करके वो अपनी राजनीति चमकाने का प्रयास कर रही है। 2011 में कांग्रेस ने किसानों के लिए APMC एक्ट लाने की बात बोली थी। यही हमने किया तो कांग्रेस विरोध कर रही है। सरकार किसानों के साथ खड़ी है। उनसे संवाद कर उनकी शंकाओं का समाधान किया जाएगा। सरकार उन्हें पूरी तरह से संतुष्ट करेगी, लेकिन किसान आंदोलन की आड़ में ऐसे तत्व जो हमारे देश में अराजकता जैसी स्थिति पैदा करना चाहते हैं। हम उनपर भी नजर रखेंगे उनको नहीं छोड़ेंगे।

Read More: आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं के पदों पर निकली भर्ती, जानिए पूरी डिटेल

कांग्रेस ने 2019 लोकसभा चुनाव से पहले अपने अंग्रेजी घोषणापत्र में एपीएमसी एक्ट को निरस्त करने और हिंदी घोषणापत्र में इसे संशोधित करने का वादा किया था। 2013 में राहुल गांधी ने पीसी कर फलों और सब्जियों को APMC एक्ट से बाहर करने का ऐलान किया था। उन्होंने एसेंशियल कमोडिटी एक्ट को भी बदलने की बात कही थी। यूपीए सरकार तत्कालीन कृषि मंत्री शरद पवार ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर बार-बार एपीएमसी एक्ट को लागू करने कहा था और स्टेट एपीएमसी एक्ट्स में संशोधन के लिए कहा था।

Read More: कोरोना वैक्सीन की प्रगति को लेकर बाजार में तेजी; सेंसेक्स, निफ्टी रिकॉर्ड ऊंचाई पर

इस दौरान उन्होंने अरविंद केजरीवाल को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि केजरीवाल तो बिन पेंदी के लोटा हैं, कब कहां चले जाएं पता नहीं। केजरीवाल सरकार ने 23 नवंबर 2020 को कृषि सुधार कानून को दिल्ली में नोटिफाई किया था, लेकिन आज विरोध कर रहे हैं।

Read More: किसान आंदोलन को BSNL कर्मचारियों का समर्थन, कर्मचारी संघ ने किया जिला शाखाओं में प्रदर्शन का आह्वान