रायपुर: क्वींस क्लब में शराब पार्टी करने के मामले में क्लब संचालक को बड़ा झटका लग सकता है। आबकारी नियमों के उल्लंघन पर क्लब का बार लाइसेंस रद्द किया जा सकता है। रायपुर आबकारी उपायुक्त ने लाइसेंसधारी चंपालाल जैन से इस मामले में स्पष्टीकरण मांगा था, लेकिन विभाग उनके जवाब से संतुष्ट नहीं है। लिहाजा चंपालाल जैन पर कार्रवाई के लिए आबकारी आयुक्त को रिपोर्ट भेजी गई है।
लॉकडाउन के दौरान रायपुर के क्वींस क्लब में तमाम नियम कायदों की धज्जियां उड़ाते हुए शराब पार्टी आयोजित की गई। अब इस मामले में आबकारी विभाग का डंडा भी संचालक चंपालाल जैन पर चलने वाला है। दरअसल, क्वींस क्लब में चलने वाले बार का लाइसेंस इसके एक संचालक चंपालाल जैन के नाम से जारी हुआ था। जब लॉकडाउन के दौरान सारी शराब दुकानों को बंद रखने के आदेश थे, तब क्वींस क्लब में शराब पार्टी दी गई। ऐसा कर ना सिर्फ लॉकडाउन नियम का उल्लंघन किया गया, बल्कि आबकारी लाइसेंस के नियम शर्तों की ताक पर रख दिया गया। घटना के बाद आबकारी विभाग की ओर से 1 अक्टूबर को लाइसेंसधारी चंपालाल जैन को नोटिस भेजा गया और सात दिनों के भीतर लाइसेंस नियमों के उल्लंघन पर जवाब मांगा गया। लेकिन संचालक चंपालाल जैन ने जवाब देने के और वक्त मांग लिया और आखिरकार 12 अक्टूबर को उसने जवाब दिया।
जवाब में उसने लॉकडाउन के दौरान शराब बेचने या पिलाने के आरोप से साफ साफ इनकार कर दिया। बकौल चंपालाल जैन, उनकी ओर से लाइसेंस के किसी भी नियम या शर्त का उल्लंघन नहीं किया गया है। लेकिन आबकारी विभाग उसके इस जवाब से संतुष्ट नहीं है। लिहाजा, बार संचालक के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए आबकारी आयुक्त को प्रतिवेदन भेज दिया गया है।
दरअसल, इस पूरे मामले में क्लब संचालक नमित जैन, नेहा जैन और चंपालाल जैन अपने रसूख के दम पर मामले को दबाने की पुरजोर कोशिश में लगे हैं। जबकि लॉकडाउन के दौरान क्वींस क्लब में शराब पार्टी की तस्वीरें किसी से छुपी नहीं है। पार्टी में शामिल लोग भी क्लब में शराब पीने की बात कबूल कर चुके हैं। ऐसे में नियम शर्तों के उल्लंघन की बात से इनकार कर क्लब संचालक अब भी प्रशासन को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं, आबकारी विभाग के सूत्रों की माने तो इस मामले में चंपालाल जैन के नाम से जारी बार लाइसेंस रद्द करने की अनुशंसा कर दी गई है। अब देखने वाली बात ये होगी कि आबकारी आयुक्त इस पर क्या और कब फैसला लेते हैं।