विदिशा। सिरोंज तहसील कार्यालय में जन सुनवाई के दौरान हड़कंप की स्थिति बन गई। यहां एक किसान दंपत्ति नायब तहसीलदार के दुत्कारे जाने से इतना आहत हुआ कि उसने कार्यालय परिसर में लगे बरगद के पेड़ में नायलॉन का फंदा डालकर फांसी लगाने की कोशिश की, आनन-फानन में यहां मौजूद लोगों ने अचेत अवस्था में किसान को नीचे उतारा और फौरन ही एसडीएम की गाड़ी से उसे सिरोंज के राजीव गांधी स्मृति चिकित्सालय में ले जाया गया जहां उसका इलाज जारी है।
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बता दें कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जनता की समस्याओं के निराकरण के लिए तहसील कार्यालय से लेकर जिला कार्यालय तक जनसुनवाई कार्यक्रम शुरू किया है। मुख्यमंत्री की मंशा थी की जनसुनवाई में लोगों को अपने गांव घर छोड़कर जिला कलेक्टर तक आवेदन नहीं देना पड़ेगा और उसकी सारी समस्याओं का निराकरण तहसील स्तर पर ही हो जाएगा, हालांकि जनसुनवाई में अधिकारी जनता की सुनवाई ना होकर उन्हें दुत्कार रहे हैं। ऐसा ही कुछ हुआ सिरोंज तहसील कार्यालय में जब एक किसान दंपत्ति नायब तहसीलदार के कार्यालय में अपना आवेदन लेकर पहुंची, तो उसे नायब तहसीलदार की दुत्कार मिली जिससे पीड़ित किसान इतना आहत हुआ कि उसने ऑफिस के बाहर बरगद के पेड़ पर नायलॉन की रस्सी का फंदा लगाकर उस पर झूल गया । यह तो अच्छा हुआ कि समय वहां बहुत लोग मौजूद थे उन्होंने उसे फौरन बाहर से किसान को उतारा और अस्पताल भेजा जहां उसका इलाज जारी है।
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सिरोंज तहसील के ग्राम कजरी बरखेड़ा के किसान दंपत्ति भज्जू अहिरवार और संपत बाई अपनी 5 बीघा खेती की जमीन के पहुंच मार्ग पर कब्जे से परेशान हैं। इसकी शिकायत वह जिला कलेक्टर जिला पुलिस अधीक्षक से लेकर सिरोंज तहसील कार्यालय में भी आवेदन दे चुके हैं। पीड़ित किसान की पत्नी संपत बाई का कहना है की वह आज जनसुनवाई में फिर से आवेदन लेकर नायब तहसीलदार मैडम के पास गई थी, लेकिन उन्होंने हमारी नहीं सुनी और हमें भगा दिया। इससे परेशान होकर हमारे पति ने वही फांसी का फंदा लगा लिया और अब अस्पताल लेकर आए हैं।
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मामला सिरोंज तहसील का इलाका है, जहां की एसडीएम अंजलि शाह ने भी स्वीकार किया है कि पीड़ित किसान का आवेदन नायब तहसीलदार के पास आया था । जिसके बाद किसान ने खुदकुशी की कोशिश की है। किसान अचेत अवस्था में नीचे पड़ा था, मैंने अपनी गाड़ी से फौरन अस्पताल भेजा है उसका पूरा प्रकरण हम निकलवा रहे हैं और जो भी कार्रवाई होगी वह की जाएगी।