भोपाल। कोरोना के संक्रमण के बीच जीवन बचाने में सहायक रेमडिसिविर दवा की किल्लत सबने देखी है। इसकी कालाबाजारी, मंहगी दरों पर बिकना और यहां तक की नकली रेमडिसिविर इंजेक्शन खपाने तक का गोरखधंधा सामने आया है। शिकायतें हद से बढ़ीं तो सरकार सख्त हुई…प्रशासन का शिकंजा कसा। जबलपुर में नकली रेमडेसिविर कांड का मुख्य आरोपी सिटी हॉस्पिटल का डायरेक्टर सरबजीत सिंह मोखा गिरफ्तार हुआ…अब उसके परिवार पर शिकंजा कसता दिख रहा है। दूसरी तरफ रेमडिसिविर की कालाबाजारी के आरोपों की आंच प्रदेश के मंत्री तुलसी सिलावट तक पहुंच चुकी है। जाहिर है इस पर सियासी आरोपों का सिलसिला भी जारी है। सबसे गंभीर सवाल ये है, आखिर इस काले खेल में और कितने मोखा शामिल हैं। उनपर कब तक शिकंजा कस पाएगा…?
रेमडेसिवर इंजेक्शन की कालाबाजारी के काले खेल में कई और भी शामिल हैं। एक तरफ इंदौर में सख्त कार्रवाई का दावा है तो दूसरी तरफ मामले में आरोपों के दाग प्रदेश के मंत्री तुलसी सिलावट दामन पर भी लग गए हैं। मामले में आरोपी जिला स्वास्थ्य अधिकारी का ड्राइवर पुनीत अग्रवाल ने खुलासा किया.. कि उसे ये नकली रेमडिसिविर इंजेक्शन मंत्री तुलसीराम सिलावट की पत्नी के ड्राइवर गोविंद से मिला करते थे। इससे जुड़े पुनीत अग्रवाल का वीडियो सामने आने के बाद कांग्रेस…प्रदेश सरकार और मंत्री तुलसी सिलावट पर हमलावर हैं। कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला का सीधा आरोप है कि बीजेपी नेता- मंत्री इंजेक्शन की कालाबाजारी में लिप्त हैं। इन पर रासुका के तहत कार्रवाई करनी चाहिए। कांग्रेस ने मंत्री सिलावट के इस्तीफे की मांग भी की है।
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इधर,कांग्रेस के आरोपों के मंत्री तुलसी सिलावट ने सफाई देते हुए कहा कि कानून अपना काम कर रहा है, जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। वहीं IG हरिनारायण चारी मिश्रा ने कहा कि ड्राइवर गोविंद को हिरासत में लिया जाएगा।
दूसरी तरफ जबलपुर में नकली रेमडेसिविर कांड के मुख्य आरोपी और सिटी हॉस्पिटल के डायरेक्टर सरबजीत सिंह मोखा के परिवार पर भले ही शिकंजा कस रहा हो, लेकिन डकैती के आरोपी से बिल्डर,हॉस्पिटल-कॉलेज संचालक से लेकर विश्व हिंदू परिषद के जिलाध्यक्ष बनने तक, मोखा पर सरकारी तंत्र की इनायत बड़े सवाल उठाती है।
मिड पीटीसी (रिपोर्टर सिटी हॉस्पिटल के सामने से)..
हालांकि SIT जांच में मोखा का परिवार लगातार फंसता दिख रहा है। सामने आया है कि मोखा का बेटा हरकरण अपने दोस्त की फर्जी ID लगाकर इंदौर से नकली रेमडेसिविर की खेप मंगाया करता था, जबकि पत्नी जसमीत कौर भी सुबूत मिटाने की आरोपी है। मामले में कांग्रेस बार-बार सरकार पर मोखा को बचाने का आरोप लगा रही है तो बीजेपी नियम के तहत कार्रवाई की बात कह रही है।
सबसे बड़ा सवाल ये है कि रेमडिसिविर की कालाबाजारी और नकली रेमडिसिविर बनाने के नैक्सस में आखिर कौन-कौन और कहां तक लिप्त था। सवाल तो कई हैं, लेकिन रसूखदारों की संलिप्तता के आरोपों के बीच क्या वाकई निष्पक्ष जांच हो पाएगी और दोषियों को सजा मिलेगी ये सबसे बड़ा सवाल है।
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