छत्तीसगढ़ में 82 प्रतिशत आरक्षण के मामले में हाईकोर्ट ने सुनी दोनों पक्षों की दलील, फैसला सुरक्षित

छत्तीसगढ़ में 82 प्रतिशत आरक्षण के मामले में हाईकोर्ट ने सुनी दोनों पक्षों की दलील, फैसला सुरक्षित

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  • Publish Date - October 1, 2019 / 10:02 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:12 PM IST

बिलासपुर: छत्तीसगढ़ में 82 प्रतिशत लागू किए जाने के मामले में हाईकोर्ट में मंगलवार को सुनवाई हुई। मामले में सरकार और याचिकाकर्ता की दलील सुनने के बाद हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। उम्मीद की जा रही है कि एक दो दिन के भीतर कोर्ट अपना फैसला सुना सकती है। मामले में सुनवाई चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच में हुई है।

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पिछली सुनवाई में शु​क्रवार को कोर्ट में सरकार ने अपना पक्ष पेश किया था। शासन समेत बढ़ाए गए आरक्षण के समर्थन में कांग्रेस के याचिकाकर्ता लक्ष्मी कुमार गहवइ ने अपना पक्ष रखा। इसके बाद कोर्ट में सोमवार को याचिकाकर्ताओं का पक्ष सुना गया।

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गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में 82 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने के मामले को लेकर बिलासपुर निवासी आदित्य तिवारी सहित 3 अन्य लोगों याचिका याचिका दायर की गई है। साथ ही बढ़ाए गए आरक्षण के समर्थन में प्रदेश कांग्रेस पिछड़ा वर्ग के प्रदेश महामंत्री लक्ष्मी कुमार गहवइ ने भी याचिका दायर कर दी थी। जिस पर एक साथ सुनवाई हो रही है।

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ज्ञात हो कि छत्तीसगढ़ में लोक पदों व सेवाओं और शैक्षणिक संस्थाओं में प्रवेश के लिए लागू आरक्षण को 58 से बढ़ाकर 82 फीसदी कर दिया गया है। इसके तहत अनुसूचित जनजाति वर्ग को 32 प्रतिशत, अनुसूचित जाति वर्ग को 12 की जगह 13 प्रतिशत और अन्य पिछड़ा वर्ग को 14 की जगह 27 प्रतिशत आरक्षण देने का निर्णय लिया गया है। वहीं, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को भी अब 10 प्रतिशत आरक्षण का लाभ दिया जाएगा।

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