ग्वालियर। 18 सप्ताह की गर्भवती नाबालिग को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने गर्भपात कराने की अनुमति दी है। इसके लिए नाबालिग की मां ने कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने सीएमएचओ को नाबालिग का परीक्षण कर मेडिकल रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया था।
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पेश की गई रिपोर्ट में बताया गया कि नाबालिग के पेट में 18 सप्ताह का गर्भ है। इस पर कोर्ट ने सीएमएचओ को नाबालिग को 11 फरवरी तक अस्पताल में भर्ती कर विशेषज्ञों की निगरानी में गर्भपात की प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया।
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हाईकोर्ट ने कहा, हम ऐसे प्रकरण की सुनवाई कर रहे हैं, जिसमें 15 वर्षीय बालिका ने बलात्कारी का गर्भ धारण किया हुआ है और मां नहीं चाहती कि उसकी बच्ची एक बलात्कारी के बच्चे को जन्म दे। केवल यही नहीं, यह बच्चा न केवल नाबालिग के लिए जीवन पर्यंत सामाजिक कलंक की तरह रहेगा, बल्कि इसे जन्म देने में उसकी जान जाने का भी डर है।
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दरअसल नाबालिग 26 जुलाई 2019 से लापता थी। इसकी रिपोर्ट उसकी मां ने 23 सितंबर 2019 को पुलिस थाना थाटीपुर में दर्ज कराई थी। पुलिस जब नाबालिग को ढूंढने में नाकाम रही तो हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका प्रस्तुत की गई।
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29 जनवरी 2020 को पुलिस ने नाबालिग को कोर्ट में पेश किया। कोर्ट को बताया गया कि नाबालिग हरियाणा के कैथल से बरामद की गई। वह रिंकू के कब्जे में थी। कोर्ट ने नाबालिग के मेडिकल परीक्षण का भी आदेश दिया। जिसमें यह बात सामने आई कि वह गर्भवती है। इस पर नाबालिग की मां ने गर्भपात के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया।
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