जबलपुर। हाईकोर्ट ने एमपी-पीएससी की परीक्षा में बढ़े हुए ओबीसी आरक्षण देने पर लगी रोक हटाने से फिलहाल इंकार कर दिया है। हाईकोर्ट ने मामले पर अगली सुनवाई के लिए 27 फरवरी की तारीख तय की है जिस दिन से मामले पर फायनल हियरिंग शुरु की जाएगी।
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हाईकोर्ट ने साफ किया है कि एमपी-पीएससी की भर्ती प्रक्रिया जारी रहेगी लेकिन उसकी अंतिम चयन सूची हाईकोर्ट की अनुमति के बगैर नहीं बनाई जाएगी। दरअसल जबलपुर हाईकोर्ट में दायर 11 जनहित याचिकाओं में बढ़े हुए ओबीसी आरक्षण को चुनौती दी गई है। याचिकाओं में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण की अधिकतम सीमा 50 फीसदी तय की है लेकिन मध्यप्रदेश में ओबीसी आरक्षण 14 से बढ़ाकर 27 फीसदी किए जाने से आरक्षण बढ़कर 63 फीसदी हो गया है।
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आज मामले पर सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि प्रदेश में करीब 51 फीसदी ओबीसी आबादी को देखते हुए ओबीसी आरक्षण बढ़ाया गया है। लिहाजा कोर्ट को बढ़े हुए आरक्षण पर लगी रोक हटा लेनी चाहिए। वहीं याचिकाकर्ताओं की ओर से इंदिरा साहनी मामले पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला दिया गया।
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जिसके मुताबिक आरक्षण की सीमा 50 फीसदी से ज्यादा नहीं हो सकती। ऐसे में जबलपुर हाईकोर्ट ने एमपी-पीएससी परीक्षा में फिलहाल बढ़े हुए ओबीसी आरक्षण देने पर लगी रोक हटाने से इंकार कर दिया है। मामले पर अंतिम बहस के लिए अगली तारीख 27 फरवरी तय कर दी है।
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