साध्वी प्रज्ञा का निर्वाचन रद्द करने का याचिका पर सुनवाई, हाईकोर्ट ने पक्ष-विपक्ष से लिखित स्टेटमेंट दाखिल करने दिए निर्देश

साध्वी प्रज्ञा का निर्वाचन रद्द करने का याचिका पर सुनवाई, हाईकोर्ट ने पक्ष-विपक्ष से लिखित स्टेटमेंट दाखिल करने दिए निर्देश

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  • Publish Date - February 6, 2020 / 06:24 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:50 PM IST

भोपाल । लोकसभा सीट से भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह के निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिका पर जबलपुर हाईकोर्ट में सुनवाई की गई। हाईकोर्ट ने साध्वी प्रज्ञा सिंह और उनके निर्वाचन को चुनौती देने वाले याचिकाकर्ता को आदेश दिया है कि वो अपने-अपने आरोपों और सफाई के लिखित स्टेटमेंट 7 दिनों के भीतर हाईकोर्ट में पेश करें। हाईकोर्ट ने मामले पर अगली सुनवाई के लिए एक हफ्ते बाद 14 फरवरी की तारीख तय कर दी है।

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बता दें कि साध्वी प्रज्ञा की ओर से कहा गया है कि याचिका में उनके खिलाफ कोई पुख्ता सुबूत पेश नहीं किए गए हैं, इस वजह से यह याचिका कोर्ट में सुनवाई योग्य नहीं है। इधर साध्वी प्रज्ञा के खिलाफ चुनाव याचिका दायर करने वाले याचिकाकर्ता ने ये कहते हुए साध्वी प्रज्ञा का जवाब मंजूर ना करने की मांग की है कि उन्होंने हाईकोर्ट के नोटिस का जवाब 90 दिन की मियाद बीतने के बाद पेश किया है।

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जबलपुर हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों से लिखित स्टेटमेंट तलब करते हुए,14 फरवरी को अगली सुनवाई तय कर दी है। बता दें कि इस याचिका में भोपाल सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह का निर्वाचन शून्य घोषित करने की मांग की गई है। भोपाल के एक पत्रकार राजेश दीक्षित ने ये चुनाव याचिका एक मतदाता की हैसियत से दायर की है। याचिका में कहा गया है कि साध्वी प्रज्ञा सिंह ने अपने चुनाव प्रचार में धर्म के आधार पर वोट मांगे थे इसलिए उनका निर्वाचन शून्य घोषित किया जाना चाहिए। याचिका में कहा गया है कि साध्वी प्रज्ञा सिंह ने अपने पूरे चुनाव प्रचार के दौरान सांप्रदायिक और धार्मिक भाषण दिए जबकि कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह पर भगवा आतंकवाद पर बयान देने के झूठे आरोप लगाए। याचिका मे कहा गया है कि लोकप्रतिनिधित्व कानून की धारा 123 के मुताबिक कोई भी प्रत्याशी धार्मिक आधार पर वोट नहीं मांग सकता, लिहाजा साध्वी प्रज्ञा सिंह का निर्वाचन भी रद्द किया जाना चाहिए।