रायगढ़: छत्तीसगढ़ के रायगढ़ रेलवे स्टेशन से एक बार फिर जीआरपी की टीम ने 7 नाबालिग बच्चों का रेस्क्यू किया है। बताया जा रहा है इन बच्चों को एक युवक हैदराबाद स्थित शाही नगर मदरसे में दाखिले के लिए लेकर जा रहा था। 7 नबालिग बच्चों को हैदराबाद स्पेशल ट्रेन से हैदराबाद ले जा रहे एक युवक को आरपीएफ ने हिरासत में लिया है। पकड़े गए युवक का नाम मुशर्रफ अंसारी बताया जा रहा है और वह चैनपुर झारखंड का रहने वाला है। सभी बच्चे चैनपुर के पास चंपापुर गांव के रहने वाले हैं।
मिली जानकारी के अनुसार हैदराबाद स्पेशल ट्रेन में यात्रियों को मुशर्रफ अंसारी पर संदेह हुआ, इसके बाद उन्होंने आरपीएफ को इसकी सूचना दी। आरपीएफ अमले ने युवक को 7 बच्चों सहित ट्रेन से उतारकर चाइल्ड लाइन को सौंप दिया है। फिलहाल पुलिस मुशर्रफ अंसारी से पूछताछ कर रही है। पकड़े गए सभी बच्चों की उम्र 5 से 7 साल की है।
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बच्चों ने प्रारंभिक पूछताछ में बताया है कि वे उर्दू की पढ़ाई के लिए शाही नगर मदरसे में जा रहे थे। बच्चों ने यह भी बताया है कि उनके गांव के और भी बच्चे इस मदरसे में पढ़ते हैं। पढ़ाई के दौरान उन्हें हर महीने 500 रुपए और खाना-पीना भी मिलता है। बच्चों का यह भी कहना है कि उन्हें उनके माता-पिता ने भेजा था। पूछताछ में बच्चों ने यह भी बताया है कि एस-1 बोगी में भी तकरीबन 10 बच्चे थे जो कि उसी ट्रेन में आगे बढ़ गए।
इधर पकड़े गए युवक मुशर्रफ अंसारी का कहना है कि वह इन बच्चों को उनके माता पिता की मर्जी से पढ़ाने के लिए लेकर जा रहा था। मदरसे में उसका चचेरा भाई है, जिसने बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेदारी ली है। युवक ने यह भी बताया कि उस इलाके के और भी बच्चे मदरसे में उर्दू की तालीम ले रहे हैं। क्योंकि यह बच्चे स्कूल में पढ़ाई नहीं कर रहे हैं, इसलिए मुझे माता पिता ने इन बच्चों को मदरसे में पढ़ाने के लिए भेजा है।
ज्ञात हो कि बीते दिनों रायपुर से शालीमार-कुर्ला जा रही ट्रेन से चेकिंग स्क्वॉयड ने स्लीपर कोच में एक साथ 13 बच्चों का रेस्क्यू किया था। चेकिंग स्क्वॉयड ने सभी बच्चों को भिलाई पॉवर हाउस स्टेशन में अपने कब्जे में ले लिया था। सभी बच्चों की उम्र 6 से 14 वर्ष है। पूछने पर पता चला कि उन्हें एक व्यक्ति मदरसे में पढ़ाने के नाम पर मुंबई ले जा रहा है। पुलिस ने इस दौरान बच्चों को ले जा रहे एक युवक को भी हिरासत में लिया था।
इस घटना से दो दिन पहले पहले भी राजनांदगांव रेलवे स्टेशन पर हावड़ा-मुंबई मेल से 33 बच्चों को रेस्क्यू कराया गया था। इस दौरान रेलवे अधिकारियों द्वारा पूछे जाने पर आरोपी ने बताया कि बच्चों को मदरसे में पढ़ाने के लिए मुंबई ले जा रहे हैं। आरोपी ने यह भी बताया कि सभी बच्चे बिहार और ओडिशा के रहने वाले हैं। इन सभी बच्चों की उम्र 5 से 14 वर्ष थी। जीआरपी ने रेलवे स्टेशन पर रिटायर्ड डीजीपी राजीव श्रीवास्तव व महिला वकील के सहयोग से इन बच्चों को बरामद किया था।
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