रायपुर। बिलासपुर में साधारण परिवार में जन्मे छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी का आज निधन हो गया। उनके निधन की खबर मिलते ही प्रदेश में शोक की लहर दौड़ गई। राज्यपाल अनुसुईया उइके, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सहित प्रदेश के तमाम मंत्री और राजनेताओं ने निधन पर शोक जताया है। आइए उनके पूरे करियर पर एक नजर डालते हैं।
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नौकरशाही से अचानक मारी राजनीति में एंट्री
अजीत जोगी मैकेनिकल इंजीनियरिंग में गोल्ड मेडलिस्ट थे और उसके बाद वे आईपीएस बने। दो साल बाद ही उन्हें आईएएस बनने का मौका मिला और फिर लंबे वक्त तक कलेक्टर जैसे दबदबे वाले पद पर रहने का मौका मिला। उन्होंने जिस तरह से कलेक्टर रहते हुए राजनीति में एंट्री मारी थी वैसे उदाहरण शायद ही ढूंढ़ने से मिल कहीं पाएंगे।
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बात 1985 की है। अजीत जोगी इंदौर के कलेक्टर थे और राजीव गांधी को इंदिरा गांधी की मौत के बाद हुए चुनाव में भारी वोट देकर मतदाताओं ने चुनकर प्रधानमंत्री बनाया था। एक रात अचानक दिल्ली के प्रधानमंत्री निवास से इंदौर के कलेक्टर को फोन गया और कलेक्टर जोगी कांग्रेसी जोगी बन बैठे। पार्टी ने पहले उन्हें पार्टी के एसटी-एससी कमिटी का सदस्य बनाया फिर कलेक्टर के पद के बदले राज्यसभा की सदस्यता दिला दी।
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