जबलपुर: मध्यप्रदेश के दो बड़े शहर भोपाल और इंदौर में लोकायुक्त ने बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। भोपाल में नेशनल रूरल हेल्थ मिशन के अधिकारी ऋषभ कुमार जैन को 3 लाख की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा है। आरोपी ने 40 लाख रुपए का बिल पास कराने के एवज में 10 लाख रुपए मांगे थे। आरोपी के घर भी लोकायुक्त ने छापामार कार्रवई की। सोने की ईंट, सिक्के, जेवरात बरामद किए हैं। प्रापर्टी से जुड़े दस्तावेजों की कीमत करीब 5 करोड़ आंकी गई है। एक टीम भ्रष्ट यंत्री को लेकर नेहरु नगर SBI शाखा पहुंची, यहां लॉकर खंगाला गया जिसमें 700 ग्राम वजनी सोने के गहने मिले। अब तक कुछ एक किलो 700 ग्राम वजनी सोने के गहने मिल चुके हैं।
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वहीं इंदौर लोकायुक्त की छापेमारी में धार नगर पालिका का सहायक यंत्री डीके जैन करोड़पति निकला है। कई जमीनों की रजिस्ट्री और कागजात मिले हैं। इसके अलावा सोना-चांदी मिलाकर करीब 10 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति का खुलासा हुआ है। डीके जैन का अगले साल रिटायरमेंट है। 40 साल की नौकरी में 70 लाख रुपए वेतन बना है। ऐसे में आय से अधिक संपत्ति रखने का केस दर्ज किया गया है।
मध्यप्रदेश में घर-घर बिजली पहुंचाने की सौभाग्य योजना में करोड़ों के घोटाले की जांच लगभग पूरी हो गई है। इस मामले में अब मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के 79 इंजीनियर्स पर जल्द कार्रवाई हो सकती है। बता दें कि इस घोटाले में फर्जीवाड़ा कर बिना काम किए ही कागजों पर विद्युतीकरण बता दिया गया, तो कहीं पुराने खंबों और ट्रांसफार्मर को नया बताकर करोड़ों का भुगतान कर दिया गया।
घर-घर बिजली पहुंचाने की केन्द्र की सौभाग्य योजना को मध्यप्रदेश में अधिकारियों ने पलीता लगा दिया। जब बिजली मिले बिना ही लोगों को बिल आने लगे, तो पूर्व की कमलनाथ सरकार ने इसकी जांच कराई थी। खुलासा हुआ कि साल 2017 से 2018 के बीच 6 जिलों मंडला, डिंडौरी, सीधी, सिंगरौली, सिवनी और बालाघाट में योजना के तहत जमकर फर्जीवाड़ा हुआ। कैसे हुआ आइये आपको बताते है।
मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर वी किरण गोपाल के मुताबिक घोटाले की जांच लगभग पूरी हो गई है। जल्द ही दोषी अधिकारियों और ठेकेदारों पर कार्रवाई की जाएगी। वहीं, जिन ठेकेदारों ने सही काम किया उन्हें भुगतान शुरू कर दिया गया है।
सौभाग्य योजना के घोटाले की जांच में मंडला में 15 करोड़ रुपए के घोटाले में 18 अधिकारी डिंडौरी में 9 करोड़ रुपए के घोटाले में 9 अधिकारी। सीधी में 2 करोड़ रुपए के घोटाले में 18 अधिकारी और सिंगरौली में 5 करोड़ रुपए के घोटाले में 3 अधिकारी दोषी पाए गए है। अब देखना ये है कि इन पर क्या कार्रवाई होती है।
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