इंदौरः गैंगरेप और अपहरण ऐसा संगीन अपराध है, जिस पर पुलिस तुरंत संज्ञान लेकर कार्रवाई करती है। लेकिन कुछ शातिर युवतियां ऐसी भी है, जो अपना मकसद पूरा करने के लिए ऐसे अपराध को हथियार के तौर पर इस्तेमाल करती है। 18 जनवरी को इंदौर में सामने आई गैंगरेप और अपहरण की पूरी वारदात फर्जी निकली है। इस झूठी कहानी को उसी युवती ने गढ़ा, जो खुद को पीड़ित बता रही थी। लेकिन पुलिस की तफ्तीश में दूध का दूध और पानी का पानी हो गया।
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दरअसल, 18 जनवरी को इंदौर में सामने आई युवती के अपहरण और गैंगरेप की वारदात फर्जी निकली। इस मामले में खुद को पीड़ित बताने वाली युवती ने अपने बॉयफ्रेंड से बदला लेने के लिए पूरी साजिश रची, लेकिन पुलिस तफ्तीश में इसका भंडाफोड़ हो गया। आइये आपको बताते है कैसे हुआ इस फर्जीवीड़े का पर्दाफाश?
18 जनवरी को युवती बदहवास हालत में रेलवे ट्रैक पर मिली, जिसे इलाज के लिए एमवाय अस्पताल ले जाया गया। युवती ने बयान दिया कि कुछ लड़कों ने उसका अपहरण किया, चाकू से हमला किया और फिर गैंगरेप के बाद बोरे में बांधकर फेंककर चले गए। लेकिन मेडिकल जांच में गैंगरेप की पुष्टि नहीं हुई, हाथ पर मिले चाकू के निशान सेल्फ इंजरी के निकले। इतना ही नहीं एफएसएल रिपोर्ट में ना तो बोरे के रेशे मिले और ना ही बोरे में युवती को बांधने के सबूत। युवती ने अपहरण में इस्तेमाल गाड़ी का नंबर और नाम भी बताया था। जबकि आमतौर पर अपहरण की पीड़ित इतनी जल्दी गाड़ी नंबर नहीं बता पाती है। जिस युवक पर आरोप लगा था, वो घर पर ही टीवी देखते हुए मिला। उसकी दिनभर की मौजूदगी कई सीसीटीवी कैमरे में नजर आई है। इतने सबूतों के बाद जब युवती से सख्ती से पूछताछ की तो उसने सारे राज उगल दिए।
इंदौर डीआईजी हरिनारायण चारी मिश्रा ने बताया कि ये शातिर युवती पहले भी परदेशीपुरा थाने में छेड़छाड़ के तीन मामले दर्ज करा चुकी है और लड़कों को ब्लैकमेल कर चुकी है। पुलिस अब गैंगरेप के दर्ज मामले का खात्मा कर युवती के खिलाफ ही झूठी शिकायत का केस कर रही है।
दरअसल इस झूठी कहानी के पीछे इस शातिर युवती का मकसद अपने बॉयफ्रेंड को सबक सिखाना था। घटना वाली रात युवती रेलवे ट्रैक पर खुदकुशी के इरादे से गई थी, यहां उसका मन बदला और उसने अपने बॉयफ्रेंड को फंसाने के लिए अपहरण और गैंगरेप की साजिश रची। लेकिन पुलिस ने उसके मंसूबों पर पानी फेर दिया।