भोपालः प्रदेश का बहुचर्चित हनी ट्रैप केस एक बार फिर सुर्खियों में है। सूखदारों, सफेदपोशों में फिर हलचल है। वजह है हनी ट्रैप मामले में आरोपियों के पास से जो सीडी और अश्लील वीडियो मिले थे वो असली पाए गए हैं। आईसीएसएफएल हैदराबाद की जांच रिपोर्ट ने इन सीडीज को असली पाया है, जिसके बाद मामले में जांच में तेजी आने की उम्मीद है। साथ ही कई सफेदपोश नेता, अफसर, मंत्रियों के करीबी, उद्योगपतियों के नामों के खुलासा भी हो सकता है। हालांकि हाईकोर्ट के निर्देश के बाद मीडिया ट्रायल पर लगी रोक अब भी जारी है, लेकिन सीडी वाले सबूत को लेकर सियासत जरूर शुरू हो गई है।
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मध्यप्रदेश में हाईप्रोफाइल हनी ट्रैप का मामला एक बार फिर सुर्खियों में है। वहीं, हनीट्रैप केस जिसकी गूंज ने प्रदेश में सफेदपोशों की नींद उड़ा दी थी। दरअसल हनीट्रैप मामले में एफएसएल हैदराबाद की रिपोर्ट आ गई है, रिपोर्ट के मुताबिक, आरोपियों के पास से बरामद सीडी और अश्लील वीडियो असली हैं। इनके साथ किसी तरह की कोई छेड़खानी नहीं की गई है। मामले की जांच कर एसआईटी अब इस रिपोर्ट को कोर्ट में पेश करेगी।
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सूत्रों के मुताबिक अश्लील सीडी में कई बड़े आईएएस, आईपीएस अफसरों के अलावा कई राजनेताओँ और उद्योगपतियों के नाम भी शामिल हैं। बताया जा रहा है कि सीडी में कई मंत्रियों के स्टाफ और करीबियों के वीडियो भी हैं। सीडी में मौजूद वीडियो के आधार पर ऐसे रसूखदारों से पूछताछ हो सकती है। जाहिर है हनी ट्रैप केस की जांच में पुलिस ने खुलासा किया था कि मुख्य आरोपी श्वेता विजय जैन और श्वेता स्वप्नील जैन हनी ट्रैप के जरिए रसूख़दारों को फंसाने के लिए कॉलेज की छात्राओं का इस्तेमाल करती थीं। सीडी की जांच रिपोर्ट आने के बाद सियासी गलियारों में हलचल मची हुई है।
मध्य प्रदेश में हनी ट्रैप मामले का खुलासा एक साल पहले हुआ था, जिसमें 19 सितंबर 2019 को इंदौर नगर निगम के इंजीनियर हरभजन सिंह की शिकायत पर पलासिया थाने में धोखाधड़ी और ब्लैकमेल की धारा में केस दर्ज किया गया था। इंदौर पुलिस ने गिरोह में शामिल पांच महिलाओं और उनके ड्राइवर को गिरफ्तार किया था। इनमें मुख्य आरोपी श्वेता विजय जैन और श्वेता स्वप्निल जैन पुलिस के हत्थे चढ़ गई थीं। दोनों फिलहाल सेंट्रल जेल में बंद है। हनी ट्रैप के इस मामले में नेताओं और अफसरों का नाम आने के बाद जांच के लिए एसआईटी बना दी गई थी। मामले में कई आरोपियों ने जमानत के लिए कोर्ट में अपील भी की, लेकिन मामला गंभीर होने के कारण एक भी महिला आरोपी को जमानत नहीं मिली है। बहरहाल आरोपियों से मिली सीडी के सही साबित होने के बाद प्रदेश के कई राजनेताओं और अफसरों की नींद जरुर उड़ गई होगी।