रायपुर: बीते 23 मार्च को नारायणपुर में नक्सली हमले में हुई चूक पर समीक्षा चल ही रही थी कि दस दिन बाद बीजापुर में नक्सलियों ने एक बार फिर खूनी खेल खेला। तर्रेम इलाके में नक्सलियों के बटालियन नंबर 1 के जमावड़े की सूचना पर सुकमा और बीजापुर जिले के जवानों ने ज्वाइंट ऑपरेशन शुरू की। ऑपरेशन के बाद वापस लौट रही पार्टी पर नक्सलियों ने घात लगाकर हमला किया, जवाबी हमले में एक महिला नक्सली ढेर हो गई। लेकिन इसके बाद जवान नक्सलियों के एंबुश में फंस गए। हमले में 4 डीआरजी जवान सहित 5 जवानों के शहीद होने की खबर है। जबकि 12 जवान घायल बताए जा रहे हैं।
इस घटना से एक बात तो साफ हो गई है कि बस्तर में नक्सली इतने कमजोर नहीं हुए हैं, जितना उन्हें माना जा रहा है। ऐसे में सवाल है कि क्या नारायणपुर हमले से जवानों ने सबक नहीं लिया? आखिर एक के बाद बड़े हमले क्यों कर रहे हैं नक्सली? और सवाल ये भी कि क्या शांति वार्ता का प्रस्ताव महज एक धोखा था?