भोपाल: मध्यप्रदेश में उपचुनाव को लेकर सियासी सरगर्मी चरम पर है। राजनीतिक दलों के नेता अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए चुनावी मैदान में ताबड़तोड़ प्रचार रहे हैं। वहीं दूसरी ओर सियासी बयानबाजी का दौर भी जोरों पर है। इसी बीच पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने राज्यपाल से अपील की है कि मंत्री तुलसी सिलावट और गोविंद राजपूत का कार्यकाल कल खत्म हो और पूरे शिवराज कैबिनेट को भंग करें। उन्होंने कहा है कि ऐसा हो गया तो पूरे के पूरे चुनाव वैसे ही हार जाएंगे। थोक में पूर्व विधायकों को मंत्री बनाया गया है, मैं इसे सर्वधा गलत मानता हूं।
बता दें कि संविधान के नियमों के अनुसार मंत्री मंत्री तुलसी सिलावट और गोविंद राजपूत का कार्यकाल 21 अक्टूबर को स्वत: समाप्त हो जाएगा। कोई मंत्री जो निरंतर 6 माह की अवधि तक राज्य के विधान मंडल का सदस्य नहीं है, उस अवधि की समाप्ति पर मंत्री नहीं रहेगा। नियमों के अनुसार दोनों मंत्रियों का कार्यकाल बढ़ाया भी नहीं जा सकता है। ज्ञात हो कि मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के पास राजस्व एवं परिवहन और मंत्री तुलसी सिलावट के पास जल संसाधन विभाग का प्रभार है।
दरअसल संविधान के अनुच्छेद 164 (4) अनुसार कोई मंत्री जो निरंतर 6 माह की अवधि तक राज्य के विधान मंडल का सदस्य नहीं है, उस अवधि की समाप्ति पर मंत्री नहीं रहेगा। इस लिहाज से 21 अक्टूबर को गोविंद सिंह राजपूत और तुलसी सिलावट मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कैबिनेट मंत्री के सदस्य नहीं होंगे, क्योंकि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने पहले मंत्रिमंडल शपथ के दौरान 21 अप्रैल को इन दोनों को मंत्री पद की शपथ दिलाई थी। कांग्रेस शुरू से बिना विधायकी के मंत्री बनाने पर सवाल उठा रही है।