खजुराहो। द्वितीय खजुराहो साहित्य महोत्सव में पत्रकारों,साहित्यकारों,के विचार मंथन के बीच जानी-मानी फोक सिंगर मालिनी अवस्थी ने अपनी लोक गायकी से श्रोताओं को आपसी सम्बन्ध, लैंगिक समानता के साथ-साथ महिला सशक्तीकरण को इस तरह से पेश किया कि श्रोता मंत्रमुग्ध हो गए।
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लोकनीति संस्था द्वारा आयोजित द्वितीय खजुराहो साहित्य महोत्सव में देश भर के जाने माने साहित्यकार,पत्रकार शामिल होकर अलग-अलग विषयों पर मंथन कर रहे हैं। साहित्य और पत्रकारों के मंथन के बीच जानी-मानी फोक सिंगर मालिनी अवस्थी ने अपनी लोक गायकी से साहित्य महोत्सव के मंच से आपसी पारिवारिक सम्बन्ध, लैंगिक समानता के साथ-साथ महिला सशक्तीकरण को इस तरह से पेश किया कि श्रोतागण मंत्रमुग्घ हो गए।
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वहीं साहित्य महोत्सव के खजुराहो में आयोजित होने ख़ुशी जाहिर करते हुए मालिनी अवस्थी ने खजुराहो की शिल्प को धर्म की असल पहचान बताते हुए धर्म,अर्थ काम,मोक्ष के लिए खजुराहो को अभूतपूर्व पहचान बताई। मालिनी अवस्थी ने बताया कि इस तरह के साहित्य महोत्सव के लिए खजुराहो ही एकमात्र जगह हो सकती थी, जहां भिन्न-भिन्न विधाओं के लोग जुड़ रहे हैं।
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