दुर्ग। नार्को टेस्ट से हत्या के मामले का खुलासा होने के बाद कोर्ट ने आरोपी महिला को हत्या के आरोप में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। आरोपी महिला की मां और मामी को सबूत छुपाने के आरोप में 5-5 साल की सजा सुनाई गई है। नार्को टेस्ट के बाद हत्या के खुलासे का छत्तीसगढ़ ये पहला मामला है।
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हत्या की इस वारदात को दुर्ग में कोतवाली क्षेत्र के कुंदरापारा में 13 जून 2015 को अंजाम दिया गया था। आरोपी महिला ने अपनी नानी सास की रॉड से पीटकर हत्या कर दी थी। बहु उसकी रोकटोक से नाराज थी। इस मामले में आरोपियों को सजा दिलाने में नॉर्को टेस्ट की अहम भूमिका रही। अभियोजन पक्ष ने 29 गवाह न्यायालय के सामने प्रस्तुत किए गए थे। जिनमें से अधिकांश आरोपियों के रिश्तेदार थे, जिसके चलते सभी अपने अपने बयान से पलट गए थे।
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नॉर्को टेस्ट के माध्यम से हत्या की वारदात के संबंध में आरोपियों से मिली जानकारी और फोरेंसिक ऑफिसर एच.आर. शाह की ओर से न्यायालय सामने दिए गए बयान के आधार पर दोषियों को सजा सुनाई गई।
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