रायपुर: जीरम मामले में कांग्रेस की प्रेसवार्ता को तीन दिन ही बीते थे कि एनआईए ने जीरम हमले के चश्मदीदों को नोटिस देकर बयान दर्ज कराने के लिए बुला लिया। लेकिन मामले के एक प्रत्यक्षदर्शी दौलत रोहड़ा ने एनआईए के सामने बयान देने से मना कर दिया। उन्होंने कहा कि इस मामले में उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। साथ ही कहा कि उनका भरोसा एनआईए से उठ चुका है।
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दौलत रोहड़ा ने कहा है कि सात साल में उन्हें पहली बार बयान देने के लिए बुलाया गया है। वे अपना बयान राज्य सरकार द्वारा गठित एसआईटी के पास ही दर्ज कराएंगे। वहीं, मामले के दूसरे चश्मदीद रेहान खान ने भी बयान देने से मना कर दिया। उन्होंने बताया कि उन्हें बयान दर्ज कराने के लिए चौबीस घंटे पहले ही नोटिस दिया गया था। वकील से संपर्क नहीं होने के कारण उन्होंने बयान देने से मना कर दिया। साथ ही बयान दर्ज कराने किसी और दिन बुलाने के लिए कहा है।
मामले को लेकर कांग्रेस ने कटाक्ष किया है कि सात साल तक एनआईए ने किसी को भी बयान दर्ज कराने के लिए नहीं बुलाया। ऐसे में चश्मदीदों का दर्द सही है। वहीं, भाजपा नेता बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि चश्मदीद ये सब कांग्रेस के कहने पर कर रहे हैं।