रायपुर। सूपेबेड़ा से वापस लौटने के बाद दिल्ली के विशेषज्ञों ने स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ बड़ी बैठक की। जिसमें प्रदेश में बिना प्रिस्क्रिस्पशन के पेन किलर मेडिसिन को बेचने पर रोक लगाने का सुझाव दिया है।
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विशेषज्ञों ने कहा है कि सुपेबेड़ा में केवल हैवी मेटल वाले पानी के पीने से किडनी संबंधी बीमारी नहीं हो रही। मौत का सही कारण पता लगाने के लिए शासन को सुपेबेड़ा की मिट्टी, पानी, पर्यावरण, खान-पान की आदतों के अलावा लोगों के जेनेटिक बीमारियेां की पड़ताल करना होगा।
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विशेषज्ञों ने एक सर्विलेंस टीम और एक टास्क फोर्स बनाने कहा गया है। जो सुपेबेड़ा के आस-पास के गांवों में भी जाकर संबंधित बीमारियेां को स्कैन करे और बीमारी, मौत और उसके इलाज पर फोकस करते हुए बड़ी कार्ययोजना बनाए। स्वास्थ्य संचालक नीरज बंसोड़ ने कहना है कि विशेषज्ञों की राय पर फोकस इलाज की रणनीति तैयार की जाएगी। विशेषज्ञों का एक दल आंध्रप्रदेश के श्रीकाकुलम जिले में जाकर किडनी की बीमारियों का कारण और इलाज के तरीके भी देखेगी।