डॉक्टरों की मदद के लिए इंजीनीयरिंग के छात्र ने बनाया रोबोट, कोरोना पीड़ित मरीजों की करेगा सेवा

डॉक्टरों की मदद के लिए इंजीनीयरिंग के छात्र ने बनाया रोबोट, कोरोना पीड़ित मरीजों की करेगा सेवा

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  • Publish Date - April 8, 2020 / 03:26 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:12 PM IST

महासमुंद। कोरोना महामारी में जहां पूरा देश लाॅकडाउन है और लोग अपने घरों में है, वहीं डाक्टर व नर्स अपने परिवार की चिंता किए बगैर कोरोना पीडितों की सेवा में लगे है। ऐसे में महासमुंद जिले के इंजीनीयरिंग की पढ़ाई करने वाले छात्र ने घर बैठे एक ऐसा रोबोट तैयार किया है ,जो कोरोना महामारी में इन डाक्टरों की मदद तो करेगा ही साथ ही उन्हें इस बीमारी से बचायेगा एवं कोरोना पीड़ित मरीजों की सेवा भी करेगा।

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आप अपने टीवी स्क्रीन पर जिस रोबोट को देख रहे है उसे महासमुंद जिले के गुडरूपारा निवासी इंजीनियरिंग के छात्र योगेश कुमार साहू ने अपने दो मित्रो ( प्रवीण वर्मा और रिषिकेश यादव ) की मदद से बनाया है। योगेश छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद टेक्निकल यूनीर्वसिटी भिलाई का बीई अंतिम वर्ष का छात्र है। कोरोना महामारी के कारण पूरे देश में लाॅकडाउन लगा हुआ है जिसके चलते ये छात्र वर्तमान में अपने घर महासमुंद में है। समाचार पत्रों व टीवी में कोरोना से लडने में डाक्टरो की अहम भूमिका को सुनते हुवे उसने डाक्टरो की मदद करने की सोचा और यूटूब पर रोबोट के कार्य को देखा।

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उसके बाद एक रोबोट बनाने की ठानी। रोबोट को बनाने के लिए योगेश ने मेटल शीट, पीवीसी पाइप, लकड़ी, ग्यारह मोटर, माइक्रो फोन ,स्पीकर और इलेक्ट्रॉनिक बोर्ड का उपयोग किया। रोबोट के आँखो में एल ई डी लाईट का उपयोग किया। रोबोट किसी भी चीज को उठाकर एक जगह से दूसरी जगह ले जा सके इसके लिए रोबोट को मोबाईल फोन से कनेक्ट किया।

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इस प्रकार रोबोट तैयार हो गया और रोबोट को बनाने में 5 हजार रूपये का खर्च आया। इस रोबोट का उपयोग अस्पतालों में मरीजो की देखभाल में किया जा सकता है,जो कोरोना जैसे बीमारियो से ग्रसित हो। इसका उपयोग कारखानो में मानेटरिंग, आर्मी में, केमिकल स्प्रे में, सुरंग में, न्यूक्लियर प्लांट में एवं लैंड माईन का पता लगाने और बम को निष्क्रिय करने में भी किया जा सकता है। रोबोट बनाने वाले छात्र का कहना है कि सरकार मदद करे तो इस रोबोट में काफी अच्छे व आधुनिक फीचर्स डाल सकते है जिससे ये रोबोट और भी उपयोगी बन जायेगा।

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इस पूरे मामले में जिला अस्पताल के अधीक्षक डा राकेश परदल का कहना है कि जिस प्रकार से कोरोना पीडितों की संख्या बढ़ रही है और उनकी सेवा में लगे डाक्टर नर्स भी प्रभावित हो रहे हैं। ऐसे में यह मानव रहित यंत्र काफी कारगर साबित होंगे।

गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए भारत वर्ष में लाॅकडाउन चल रहा है,ऐसे में जो डाक्टर व नर्स अपनी जान की परवाह किये बिना कोरोना पीडितो की जो सेवा कर रहे है उनके लिए ये मानव रहित यंत्र निश्चित ही काफी मददगार साबित होगा ।