निर्वाचन आयोग ने मतदान अभिकर्ताओं को दिए निर्देश, कुशलतापूर्वक करें दायित्व का निर्वहन

निर्वाचन आयोग ने मतदान अभिकर्ताओं को दिए निर्देश, कुशलतापूर्वक करें दायित्व का निर्वहन

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  • Publish Date - December 19, 2019 / 10:40 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:02 PM IST

रायपुर, छत्तीसगढ़। राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा नगर पालिका निर्वाचन-2019 के सुचारू संचालन के लिए मतदान अभिकर्ताओं को निर्देशों का शतप्रतिशत पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। इसमें बताया गया है कि मतदान अभिकर्ता मतदान के संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं, जो समस्त निर्वाचन प्रक्रिया का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। मतदान अभिकर्ता की उपस्थिति से मतदान केन्द्र पर मतदान दल को मतदान कार्य सम्पन्न कराने में सहयोग भी मिलता है, यदि मतदान अभिकर्ता अपने कर्तव्यों का निर्वहन सहयोग की भवना से करें।

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राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा मतदान अभिकर्ताओं के लिए मार्गदर्शिका में अवगत कराया गया है कि मतदान अभिकर्ताओं को मतदान प्रारंभ होने से कम से कम एक घंटे पूर्व मतदान केन्द्र पर उपस्थित हो जाना चाहिए। मतदान केन्द्र में मतदान अभिकर्ताओं के बैठने के लिए मतदान अधिकारी क्रमांक-एक या क्रमांक-दो के पीछे अथवा ऐसे स्थान पर व्यवस्था होगी, जहां से वे मतदान प्रक्रिया का अवलोकन कर सकें और मतदान केन्द्र में आने जाने वाले मतदाताओं को ठीक से देख सकें। आवश्यकता होने पर उनकी पहचान को चुनौती दे सकें। मतदान अभिकर्ता को निर्धारित स्थान पर ही बैठना चाहिए, अनावश्यक रूप से इधर-उधर घूंमना नहीं चाहिए।

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मतदान अभिकर्ता को मतदान केन्द्र पर अपने कर्तव्यों के समुचित निर्वहन के लिए अपने साथ अपना नियुक्ति पत्र, मतदान केन्द्र की निर्वाचक नामावली और मतदान केन्द्र से संबंधित निर्वाचक नामावली में सम्मिलित ऐसे व्यक्तियों की सूची को जो अब जीवित नहीं है या अनुपस्थित है अथवा नगर छोड़ कर अन्यत्र चले गए हैं, इनकी सूची ले जानी चाहिए। इसके साथ ही ब्रास सील, बाल पाइन्ट पेन तथा संदिग्ध मतदाताओं की पहचान को चुनौती देने के लिए जमा की जाने वाली निक्षेप राशि भी अपने साथ ले जानी चाहिए।

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राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा यह भी अवगत कराया गया है कि मतदान अभिकर्ता का प्रमुख दायित्व मतदान केन्द्र पर अभ्यर्थी के हितों की देखभाल करना है। फर्जी मतदान रोकने के लिए प्रतिरूपण अर्थात छद्मनामधारी निर्वाचकों के प्रति सचेत रहना तथा ऐसे कोई व्यक्ति मतदान करने आए तो उसकी पहचान को चुनौती देना है। मतदान के पूर्व तथा बाद में मत पेटी को समुचित रूप से सील बंद करते समय उपस्थित रहना है। मतदान की समाप्ति के पश्चात पीठासीन अधिकारी से मत पत्र लेखा भाग-एक की प्रति प्राप्त करना और मतदान से संबंधित कागजात विधि की अपेक्षा अनुसार ठीक प्रकार से सुरक्षित तथा सीलबंद कर दिए गए हैं, यह भी सुनिश्चित करना है।

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