हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद डीजे पर नहीं लगी रोक, अवमानना याचिका पर न्यायालय ने मांगा जवाब

हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद डीजे पर नहीं लगी रोक, अवमानना याचिका पर न्यायालय ने मांगा जवाब

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  • Publish Date - February 25, 2020 / 04:00 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:21 PM IST

बिलासपुर। हाईकोर्ट की मनाही के बावजूद रायपुर शहर में कानफोड़ू डीजे बेरोकटोक ध्वनि प्रदूषण फैला रहे हैं। हाईकोर्ट ने इस संबंध में कलेक्टर तथा पुलिस अधीक्षक के स्पष्ट निर्देश जारी किए थे। बावजूद इसके डीजे पर रोक नहीं लगी पाई। इसके विरुद्ध दायर अवमानना याचिका को मुख्य न्यायाधीश एव न्यायमूर्ति पी.सैम.कोशी की युगल बेंच ने गंभीरता से लिया है। हाईकोर्ट ने एडवोकेट जनरल को शासन से आवश्यक निर्देश लेने हेतु आदेशित किया है।

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हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई में शासन का पक्ष रखन का निर्देश एजी ऑफिस को दिया है। अब एडवोकेट जनरल अगली सुनवाई पर बताएंगे कि शासन ने कोर्ट के पूर्व के आदेश के पालनार्थ क्या कार्रवाई की है।

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याचिकाकर्ता छत्तीसगढ़ नागरिक संघर्ष समिति की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि पूर्व में एक जनहित याचिका नितिन सिंघवी विरुद्ध छत्तीसगढ़ के प्रकरण में राज्य में 6 दिसम्बर 2016 को छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने आदेशित किया था, जिसके अनुसार कलेक्टर और एसपी यह सुनिश्चित करेंगे कि किसी भी वाहन पर साउंड बॉक्स रख कर ना बजाया जाए। निर्देशानुसार गाड़ियों पर साउंडबॉक्स रखकर डीजे बजाने पर साउंड बॉक्स जब्त करने की कार्रवाईई की जाए। ये भी निर्देश दिया गया था कि र बिना मजिस्ट्रेट के आदेश के जब्त डीजे ना छोड़ा जाए। साउंड बॉक्स मिलने पर वाहन का रिकॉर्ड रखा जाए, दूसरी बार उसी गाड़ी पर साउंड बॉक्स बजाए जाने पर उस वाहन का परमिट निरस्त किया जावे और बिना उच्च न्यायलय के आदेश के कोई नया परमिट जारी नहीं किया जाए।

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याचिकाकर्ता की तरफ से कोर्ट को बताया गया की कोर्ट के आदेश के बावजूद वर्षभर सड़कों पर डीजे बजते रहते हैं और डीजे की तेज आवाज के कारण से गणेश विसर्जन के दौरान हार्टअटैक से 2 लोगों की मृत्यु हो गई थी। याचिकाकर्ता की तरफ से बताया गया कि एसपी और कलेक्टर को कोर्ट के आदेश के संदर्भ में ज्ञापन देने के बावजूद भी कोई कार्रवाई नहीं की है। किसी भी वाहन से साउंडबॉक्स नहीं जब्त किया गया और ना ही वाहन मालिकों और गाड़ियों का डाटा रखा गया। दूसरी बार भी साउंड बॉक्स रख कर बजने पर परमिट भी निरस्त नहीं किया गया।