धान खरीदी पर किसानों का धरना प्रदर्शन जारी, जाम से नेशनल हाइवे पर लगी वाहनों की लंबी कतारें

धान खरीदी पर किसानों का धरना प्रदर्शन जारी, जाम से नेशनल हाइवे पर लगी वाहनों की लंबी कतारें

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  • Publish Date - February 24, 2020 / 01:20 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:06 PM IST

कवर्धा। जिले में बीते पांच दिनों से जारी किसानों का धरना प्रदर्शन आज भी जारी है। इस बीच सबसे ज्यादा समस्या आम लोगों को उठानी पड़ रही है। भारतीय किसान संघ शुक्रवार से अनिशचितकालीन धरना प्रदर्शन पर बैठे हैं। किसानों ने बिरकोना गांव में 19 फरवरी से जाम लगा रखा है। नेशनल हाईवे मार्ग पर किसान आज भी धान खरीदी को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं।

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आंदोलनरत किसानों ने चिल्फी, जबलपुर, मंडला जाने वाला मार्ग बंद कर रखा है। मध्यप्रदेश राज्य को जोड़ने वाले मार्ग पर वाहनों की लंबी कतारें देखी जा रहीं है। बता दें कि ग्राम बिरकोना में आज पांचवे दिन भी जाम लगा हुआ है। रायपुर, बिलासपुर, जबलपुर, दुर्ग, राजनांदगांव जाने वाले सभी मुख्य मार्गो पर किसानों ने जाम लगा रखा है। आम लोगों को फिलहाल कोई राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। बता दें कि बोड़ला में भी किसानों ने जाम लगा रखा है।

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किसानों का अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन अब भी जारी है। कलेक्टर गेट के सामने बैठे किसान चौथे दिन भी यहां डटे हुए हैं।
जिला प्रशासन और पुलिस के अधिकारी शनिवार रात को किसानों को समझाइश देने पहुंचे थे । हालांकि किसानों ने आंदोलन खत्म करने से मना कर दिया है। ग्राम बिरकोना में नेशनल हाईवे में जाम भी प्रशासन नहीं खुलवा सका है। प्रशासन की समझाइश पर भारतीय किसान संघ ने धरना समाप्त कर दिया है। लेकिन किसान अब भी प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों ने
सोमवार को हाईकोर्ट में याचिका लगाने की भी बात कही है।

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जिला प्रशासन के आला अधिकारियों की लापरवाही ही है जिसके कारण ये नौबत आई है। दरअसल छह माह पहले ही जिले में पटवारी धान का सर्वे का रकबा की जानकारी देते हैं। कवर्धा जिले में एक लाख हेक्टेयर धान रकबा होने की जानकारी होते हुए भी प्रति एकड़ 15 क्विंटल धान खरीदी की दर से बारदाना खरीदी किया जाना चाहिए था जो नहीं किया गया। 13 फरवरी को पंडरिया विधायक ने भी कलेक्टर को आवेदन करके धान खरीदी की समस्याओं से अवगत कराया था । वहीं जिला प्रशासन की लापरवाही को उजागर खत के माध्यम से की गई थी, तब भी जिला प्रशासन में विधायक के आवेदन को नजरअंदाज किया गया। किसानों के मुताबिक अगर सही समय पर बारदाना उपलब्ध करा दिया जाता तो इस स्तिथि से गुजरना नहीं पड़ता।