देवास । भीषण गर्मी में जंगलों में जलस्त्रोत सूख चुके हैं । जंगली जीव पानी के लिए भटक रहे हैं। देवास के नगरीय इलाकों में भी पानी की मारामारी है। ऐसे में जंगली जीवों को जंगल से लगे गांवों में भी पानी नसीब नहीं हो रहा है। हालात ये हैं कि देवास से लगे जंगलों में एक दर्जन बंदरों की मौत लू की चपेट में आने से हो गई है।
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आदिवासी बहुल पुंजापुरा क्षेत्र में जोशीपुरा में दर्जनों बंदरों की हीट स्ट्रोक की वजह से मौत हो गई है। वन विभाग जंगल में पानी का इंतजाम नहीं किया गया है। शरीर में पानी की कमी हो जाने की वजह से बंदर दम तोड़ रहे हैं।
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वन विभाग ने अपनी नाकामी छिपाने का बहाना भी खोज लिया है। जानकारी के मुताबिक वन विभाग के अधिकारियों ने बंदरों की मौत की वजह पानी के स्रोत पर अधिकार के लिए हुए संघर्ष को बताया है। देवास में पुंजापुरा रेंज के जोशी बाबा के जंगल में एक किशोर अपनी बकरियों को चराने गया था, जहां उसने मृत बंदरों को देखा, वापस लौटकर उसने इसकी सूचना ग्रामीणों को दी। जिन्होंने वन-विभाग के अधिकारियों को इस बाबत सूचित किया। गुरूवार को जिला वन अधिकारी पीएन मिश्रा के नेतृत्व में जब टीम वहां पहुंची तो कई बंदरों के शव पेड़ के नीचे, पत्थरों की खोह और खंती में मिले।
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बंदरों का पोस्टमार्टम करने वाले पुंजापुरा के पशु चिकित्सा विभाग के मुताबिक अधिक गर्मी और हीटस्ट्रोक के कारण बंदरों की मौत हुई है। शवों के नमूनों को आगे की जांच के लिये सागर फॉरेंसिक लैब भेज दिया गया है।