भोपाल: कोविड अस्पताल से भाग कर घर आए कोरोना संक्रमित रेलवे कर्मचारी की गुरुवार को मौत हो गई। कोरोना से मौत की भनक लगते ही आस-पड़ोस के लोगों ने अपने-अपने घरों के दरवाजे-खिड़की बंद कर लिए। अर्थी को कोई कांधा देने के लिए भी कोई आगे नहीं आया। वहीं, जब सब इंस्पेक्टर नीलेश अवस्थी के मुताबिक डायल-100 से इवेंट मिला तो तीन पुलिसकर्मी जगन्नाथ कॉलोनी पहुंचे। यहां पहुंचने पर पता चला कि रेलवे से रिटायर्ड कर्मचारी 65 वर्षीय सतीश वर्मा की कोरोना से मौत हो गई है।
इसके बाद मौके पर पहुंचे पुलिसकर्मियों ने थाने से पीपीई किट मंगाई और शव के अंतिम संस्कार की तैयारी की। वहीं, जब शव को कंधा देने की बारी आई तो कोई नहीं मिला, जिसके बाद में पुलिस ने विश्राम घाट से शव वाहन बुलाकर उनका शव पहुंचवाया। पुलिसकर्मियों ने बताया कि एक बेटा विदेश औऱ दूसरा बेटा हैदराबाद में होने के कारण पत्नी ने उन्हें मुखाग्नि दी।
सब इंस्पेक्टर नीलेश अवस्थी ने बताया कि जगन्नाथ कॉलोनी ऐशबाग निवासी 65 वर्षीय सतीश वर्मा रेलवे से रिटायर्ड थे। सात-आठ दिन पहले कोरोना संक्रमित होने की वजह से वह शाहजहांनाबाद स्थित निजी अस्पताल में एडमिट हुए। बुधवार शाम को वह अचानक अकेले घर पहुंच आए। पेशे से वकील पत्नी प्रेमलता वर्मा ने उन्हें अस्पताल दोबारा जाने के लिए मिन्नतें की, लेकिन वह अपनी जिद पर अड़े रहे। अस्पताल से उनकी भागने की जानकारी लगते ही अस्पताल का स्टाफ भी एंबुलेंस लेकर उनके घर पहुंचा। स्टॉफ उन्हें दोबारा लेकर जाने के लिए कहा, लेकिन वे नहीं माने। बोलते रहे कि घर पर ही ठीक हो जाउंगा, लेकिन गुरुवार को उन्होंने घर पर ही दम तोड़ दिया।