क्रिकेट खिलाड़ी ड्वेन ब्रावो ने की छत्तीसगढ़ की स्वसहायता समूह की महिलाओं से चर्चा, गौठान को बताया आर्थिक सशक्तिकरण का मार्ग

क्रिकेट खिलाड़ी ड्वेन ब्रावो ने की छत्तीसगढ़ की स्वसहायता समूह की महिलाओं से चर्चा, गौठान को बताया आर्थिक सशक्तिकरण का मार्ग

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  • Publish Date - December 16, 2019 / 03:52 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:04 PM IST

रायपुर। वेस्ट इंडीज क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान ड्वेन ब्रावो दुर्ग जिले के पाटन ब्लाक के पाहंदा पहुंचे। उन्होंने यहां के गौठान में स्वसहायता समूह से जुड़ी महिलाओं से चर्चा की। महिलाओं ने ब्रावो को बताया कि किस प्रकार गौठान के माध्यम से उनके लिए आर्थिक सशक्तिकरण के अवसर खुले हैं। ब्रावो के साथ दुभाषिये भी आए थे, जिनके माध्यम से वे अपनी बात महिलाओं से कर रहे थे। ब्रावो ने महिलाओं से कहा कि उनकी यह सोच है कि दुनिया महिलाओं की तरक्की से आगे बढ़ेगी। दुनिया को आगे बढ़ाना है तो महिलाओं को अपने पैरों पर खड़ा करना होगा। उन्हें ऐसे अवसर उपलब्ध कराने होंगे जिससे वे आर्थिक रूप से सशक्त हों। उन्होंने कहा कि आर्थिक रूप से सशक्त होने के लिए आजीविकामूलक गतिविधियों को अपनाना होगा।

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ब्रावो को महिलाओं ने बताया कि गौठान के माध्यम से हमें यह अवसर मिला है। यहां बड़ी संख्या में पशु आते हैं, जिनके गोबर से वे कंपोस्ट खाद का निर्माण कर रही हैं। ब्रावो ने कहा कि दुनिया भर में जैविक खेती के लिए लोग आगे बढ़ रहे हैं। आप लोग यहां इसे अपना रहे हैं यह बहुत अच्छा है। उन्होंने कहा कि आप लोग ऐसे संसाधनों के साथ काम कर रहे हैं जो आपके बीच से ही हैं। ब्रावो ने महिलाओं को बताया कि उनका यहां आने का मकसद ऐसी महिलाओं से मिलना था जो अपने पैरों पर खड़ा होने आर्थिक अवसरों की तलाश में घर से निकली हैं। आपसे मिलने मैं इतने दूर अपने वतन से आपके पास आया हूं। आपसे मिलकर मुझे बहुत खुशी हुई है। आप लोगों ने मेरा इतना अच्छा स्वागत किया, इससे मैं अभिभूत हूँ।

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इस मौके पर जिला पंचायत सीईओ कुंदन कुमार भी उपस्थित थे। उन्होंने ब्रावो को पाहंदा स्थित गौठान के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि यह गौठान नरवा, गरवा, घुरूवा, बाड़ी योजना अंतर्गत बनाया गया है जो प्रदेश सरकार की योजना है। इस योजना के माध्यम से गोवंश के संवर्धन के लिए कार्य किया जा रहा है ताकि पशुधन के उचित दोहन के माध्यम से किसानों की आय भी बढ़ाई जा सके और प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करते हुए अपनी आय बढ़ा सकें। इसके लिए गायों के लिए उपयुक्त चारे की उपलब्धता के साथ ही नालों का जीर्णोद्धार भी किया जा रहा है। साथ ही सब्जियों के उत्पादन के लिए बाड़ी आदि भी लगाई जा रही है। इस तरह ग्रामीण अर्थव्यवस्था को संपूर्ण रूप से गति देने के लिए यह योजना चलाई जा रही है। ब्रावो ने इस पहल की प्रशंसा की।

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