भोपाल। माखनलाल चतुर्वेदी यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति बीके कुठियाला की जबलपुर हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद उनकी मुश्किलें बढ़ गईं हैं। 19 जुलाई को मामले में कोर्ट ने सुनवाई पूरी कर ली थी और अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था । इस मामले में हाईकोर्ट ने बीके कुठियाला की अग्रिम जमानत खारिज कर दी थी। गंभीर आरोपों के मद्देनजर जबलपुर हाईकोर्ट ने पूर्व कुलपति की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। बता दें फिलहाल पूर्व कुलपति कुठियाला फरार चल रहे हैं।
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अवैध नियुक्तियों और आर्थिक अनियमितताओं के प्रकरण में पूर्व कुलपति बीके कुठियाला को कोर्ट ने किया भगोड़ा घोषित कर दिया है। स्पेशल कोर्ट ने दिया 31 अगस्त तक कुठियाला को कोर्ट में पेश होने का अल्टीमेटम दिया है। कोर्ट में पेश ना होने पर कुठियाला की चल- अचल सम्पत्ति की कुर्की की जाएगी।
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बता दें कि कोर्ट में ईओडब्ल्यू ने प्रोफेसर कुठियाला को फरार घोषित करने के लिए कोर्ट में धारा 82 के तहत आवेदन दिया था। लेकिन कुठियाला की ओर से वकील ने आवेदन प्रस्तुत कर कोर्ट को बताया कि प्रोफेसर कुठियाला फरार नहीं हैं, वे 18 जुलाई के बाद स्वयं कोर्ट में हाजिर हो जाएंगे। हालांकि कुठियाला ने इस दौरान हाईकोर्ट में अग्रिम याचिका पेश कर दी थी।
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बता दें कि माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय के कुलपति बीके कुठियाला पर अवैध नियुक्तियों और आर्थिक अनियमितताओं का आरोप है। मामले में ईओडब्ल्यू एफआईआर दर्ज की है। इस मामले को लेकर कुलपति बीके कुठियाला ने अग्रिम जमानत याचिका लगाई थी।मामले में कुठियाला सहित 20 लोग आरोपी बनाए गए हैं।
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