Publish Date - May 8, 2021 / 05:26 PM IST,
Updated On - November 29, 2022 / 08:58 PM IST
रायपुर: कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बीच संक्रमण की तीसरी लहर की चर्चा पूरे देश में हो रही है और ऐसा कहा जा रहा है कि ये इन दो लहरों से भी खातरनाक हो सकती है। रायपुर एम्स के निदेशक डॉ नितिन नागरकर का कहना है कि कोरोना संक्रमण से लड़ने के लिए अभी जिन दो वैक्सीन का प्रयोग किया जा रहा है वो कोरोना के नए वैरिएंट पर भी असर कारक है।
डॉ नागरकर के मुताबिक कोरोना वायरस भारत में पिछले साल से सक्रिय है और एक से दूसरे में ही फैलता है। एक प्रकार से ये RNA वायरस है जो अपने आपको बदलता रहता है। इसमें म्युटेशन होता है, जो वायरस के मूल स्वरुप को बदलता रहता है। कहने का मतलब ये है कि वायरस के संक्रमण की क्षमता बढ़ सकती है तो कम भी हो सकती है। लेकिन इस म्यूटेशन का असर कितना होता है ये तो समय के साथ ही पता चल पाता है।
पहले यूके का वैरिएंट आया फिर ब्राजील का, इसी तरह भारत में भी कुछ वैरिएंट पाए गए हैं। अभी खबर आ रही है कि आंध्रप्रदेश में भी एक वैरिएंट मिला है। वहां के लैब ने कंफर्म किया है कि ये वैरिएंट युवाओं पर ज्यादा असर करता है। इसलिए लोगों को ज्यादा सतर्क रहने की जरुरत है।