रायपुर: मार्च के महीने में दिन-ब-दिन बढ़ते कोरोना केस एक बार फिर प्रशासन के लिए चुनौती बन रहे हैं। बार-बार चेताने के बाद भी कोविड गाइड लाइन्स को लेकर बरती जाने वाली लापरवाही का नतीजा फैलते संक्रमण के तौर पर दिख रहा है। देश के कुछ राज्य जहां हालात ज्यादा बिगड़े हैं, वहां पर कुछ कड़े कदम उठा लिए गए हैं। मसलन नागपुर में लॉकडाउन, भोपाल-इंदौर में नाइट कर्फ्यू और गुजरात में क्रिकेट स्टेडियम में दर्शकों की ऐंट्री पर बैन। इन सब के बीच छत्तीसगढ़ में भी कोरोना के आंकडों को देख कुछ लोगों ने रायपुर के अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में चल रहे मैच में दर्शकों की ऐंट्री पर बैन की मांग उठानी शुरू कर दी है। जबकि प्रशासन ने फिलहाल स्टेडियम में दर्शकों के लिए मास्क को अनिवार्य करने का नियम लागू किया है। बड़ा सवाल ये है कि क्या मौजूदा हाल में इतना पर्याप्त है?
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छत्तीसगढ़ में एक बार फिर कोरोना जोर पकड़ रहा है। आंकडों पर गौर करे तो बीते तीन दिनों में ही प्रदेश में कोरोना के 1663 नए मरीज मिले हैं। शनिवार को राज्य में 543 मरीज मिले तो वहीं रविवार को 475 और सोमवार को 645 नए मरीजों की पुष्टि हुई। राजधानी रायपुर में ही 5 दिनों से रोजाना 200 से ज्यादा मरीज सामने आ रहे हैं। ऐसे में सवाल है कि आखिर ऐसे हालात क्यों बने? लोगों की लापरवाही है या फिर जिला प्रशासन की चूक?
इससे पहले रायपुर के शहीद वीर नारायण इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में मैच देखने उमड़ रही भीड़ पर नजर डालिए। क्रिकेट की दीवानगी के आगे सारे कोरोना गाइडलाइन को दरकिनार करती भीड़ का साइड इफेक्ट भी नजर आ रहा है। नियमों का पालन नहीं होने से मैच देखकर लौटने वाले लोग संक्रमित हो रहे हैं। इस बात को देखते हुए जिला प्रशासन ने सेमीफाइनल और फाइनल मैच के लिए दर्शकों को बिना मास्क एंट्री पर रोक लगा दी है।
बचे हुए मैचों के लिए जिला प्रशासन ने दर्शकों के लिए मास्क जरूरी कर दिया है, लेकिन प्रदेश में मास्क लगाना पहले से ही जरूरी है। ऐसे में क्या जिला प्रशासन कोई सख्त कदम उठा सकता था, जैसे कि गुजरात के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में होने वाले टी-20 मैच अब बिना दर्शकों के कराने का फैसला लिया गया है। बहरहाल छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण को लेकर सरकार भी अलर्ट है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी कहा है कि कोरोना को लेकर छत्तीसगढ़ सरकार गंभीर है। वहीं स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने भी लोगों को कोरोना से सावधानी रखने अपील कर रहे हैं।
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दूसरी ओर विपक्ष ने प्रदेश में कोरोना के बढ़ते संक्रमण पर चिंता जताते हुए हालात के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहरा रही है। बहरहाल छत्तीसगढ़ में जनवरी के महीने से कोरोना संक्रमितों की संख्या धीरे-धीरे घट रही थी, लेकिन मार्च में औसतन रोजाना 6 सौ से ज्यादा पॉजिटिव मरीज मिल रहे हैं। बीते एक हफ्ते में 33 फीसदी केस बढ़े हैं। यानी राज्य में एक बार फिर जुलाई जैसे हालात एक बार फिर बन रहे हैं। ताजा हालातों को देखते हुए कई लोगों ने भी कहा कि स्टेडियम में दर्शकों की एंट्री को बैन कर देना चाहिए। हमारी टीम ने भी आम जनता से पूछा कि मास्क की अनिवार्यता से कोरोना पर लगाम लगाई जा सकती है।
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