गैस के बढ़े हुए दाम पर कांग्रेस प्रवक्ता घनश्याम राजू का मोदी सरकार पर हमला, कहा- जुमला साबित हुआ अच्छे दिन का नारा

गैस के बढ़े हुए दाम पर कांग्रेस प्रवक्ता घनश्याम राजू का मोदी सरकार पर हमला, कहा- जुमला साबित हुआ अच्छे दिन का नारा

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  • Publish Date - February 13, 2020 / 01:01 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:52 PM IST

रायपुर: केंद्र सरकार द्वारा घरेलू गैस सिलेंडर की कीमतों में बढ़ोतरी किए जाने को लेकर अब सियासी बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है। सी कड़ी में कांग्रेस प्रवक्ता घनश्याम राजू तिवारी ने केंद्र की मोदी सरकार पर तीखा हमला करते हुए बढ़ाए हुए दाम वापस लेने की मांग की है। घनश्याम राजू तिवारी ने कहा है कि देश मे महंगाई की मार झेल रही जनता पर मोदी सरकार ने गैस सिलेंडर पर पिछले एक वर्ष में 200 रु. की बढ़ोत्तरी की है जिससे आम जनता के घरेलू किचन बजट पर गहरा असर होगा।

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घनश्याम राजू तिवारी ने कहा कि, कर मुक्त भारत, अच्छे दिनों का नारा जुमला साबित हुआ। मोदी सरकार ने रसोई गैस के दाम 150 रुपए वृद्धि कर जनता से विश्वासघात किया है। महंगाई की मार झेल रही जनता की जेब पर करंट लगा है, पिछले छह वर्षो की तुलना में अब तक प्रत्येक गैस सिलेंडर के दाम पर 220 रुपए. की बढ़ोत्तरी की गई है।

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घनश्याम राजू ने आगे कहा कि, केंद्र में बैठी मोदी सरकार जुमलेबाजी, झूठे वादे कर जनता को महंगाई की दुहाई देकर 2014-2019 में सत्ता हासिल की है। अब अपने बड़े उद्योगघराने की दोस्ती निभाते हुए उनका कर्जा माफ कर देश की जनता पर आर्थिक बोझ डालने का काम कर रही है, जो जनता के साथ सरासर विश्वासघात है।

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उन्होंने आगे कहा कि, पिछले छह वर्षो में नोटबंदी, जीएसटी के नाकामियों के बाद आर्थिक नीतियों में लगातार फेल रही। केंद्र की मोदी सरकार अपनी नाकामियों का हर्जाना देश की जनता पर थोप उनकी घरेलू मुश्किले बढ़ाना चाहती है। गिरता जीडीपी, घटता रुपया इसका प्रमुख प्रमाण है, पेट्रोल, गैस सिलेंडर, खाद्य फल-सब्जी दाल-चांवल, तेल, गेंहू आटा, मनोरंजन जैसी अनेक रोजमर्रा की चीजें हैं, जिस पर बेतहाशा वृद्धि की गई है। महंगाई खुदरा दर 1.97 प्रतिशत से बढ़कर 7.59 प्रतिशत तक पहुच चुका है, वहीं खाद्य मुद्रास्फीति की हालत जनवरी 2020 में 13.63 प्रतिशत रही। उपभोक्तता खाद्य मूल्य सूचकांक में गिरावट दर्ज की गई है, 2019 में खाद्य सूचकांक 14.19 फीसदी था जो 2020 में घटकर 13.63 फीसदी रह गया है, वही दूसरी ओर 2019 में 2.24 की गिरावट दर्ज की गई थी, यह आंकड़े केंद्र की मोदी सरकार की नाकामियों की सच्चाइयों को बयां करती है।

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