धान खरीदी को लेकर भाजपा के लोग किसानों को कर रहे गुमराह, किसान और कांग्रेस को अलग करने की है साजिश: कांग्रेस

धान खरीदी को लेकर भाजपा के लोग किसानों को कर रहे गुमराह, किसान और कांग्रेस को अलग करने की है साजिश: कांग्रेस

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  • Publish Date - December 10, 2019 / 09:02 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:38 PM IST

रायपुर: धान खरीदी और धान के समर्थन मूल्य को लेकर किसानों में अभी तक संशय की स्थिति बनी हुई है। इस मुद्दे को लेकर मंगलवार को कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मीडिया के माध्यम से प्रदेश की किसानों को जानकारी दी। इस दौरान कांग्रेस ने कहा कि भुपेश सरकार ने 15 क्विंटल प्रति एकड़ धान खरीदने का वादा किया था और इसी कीमत पर ही धान खरीदा जाएगा। भाजपा के लोगों ने किसानों को गुमराह किया है। वे कांग्रेस और किसान को अलग करने की साजिश कर रहे हैं। भाजपा ने हमेशा किसानों के साथ धोखा किया है और कभी अपना वादा पूरा नहीं किया है।

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कांग्रेस प्रवक्ता शैलेष नितिन त्रिवेदी और गिरीश देवांगन ने आगे कहा कि केंद्र सरकार ने राज्य को किसानों को बोनस देने से रोका है। इस दौरान उन्होंने किसानों से अपील की है कि वे बेवजह की अफवाह फैलाने वाले भाजपा के लोगों से बचें। टोकन की व्यवस्था लागू करने का काम कांग्रेस ने शुरू किया है।

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प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि तीन बातें
ऽ पहली यह कि छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार हर किसान से प्रति एकड़ 15 क्विंटल धान ख़रीदेंगे
ऽ दूसरी यह कि हर उस किसान को जो धान बेचेगा, प्रति क्विंटल 2500 रुपए का भुगतान होगा
ऽ तीसरी यह कि किसी भी सूरत में किसी भी किसान को इस योजना से वंचित नहीं किया जाएगा

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किसान अफ़वाहें फैलाने वालों से सावधान रहें
ऽ भारतीय जनता पार्टी के लोग किसानों के बीच अफ़वाहें फैला रहे हैं कि राज्य सरकार किसानों को 2500 रुपए नहीं देगी
ऽ या यह कि हर किसान से 15 क्विंटल धान ख़रीदी नहीं होगी
ऽ किसान भाई याद रखें कि किसानों से सबसे अधिक दगाबाज़ी इन्हीं लोगों ने की है.
ऽ इन्होंने धान का मूल्य 2100 रुपए देने की घोषणा की लेकिन मूल्य कभी दिया नहीं
ऽ इन्होंने कहा कि वे हर साल 300 रुपए बोनस देंगे लेकिन चुनावी वर्ष के अलावा कभी बोनस नहीं दिया
ऽ केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार आते ही राज्यों को बोनस देने से रोक दिया गया
ऽ रमन सिंह मुख्यमंत्री थे लेकिन वे कभी प्रधानमंत्री से मिलने नहीं गए कि प्रदेश के किसानों को बोनस देने से नहीं रोकना चाहिए
ऽ एक चिट्ठी लिखकर चुपचाप बैठ गए
ऽ केंद्र में भी भाजपा की सरकार थी और रमन सिंह भी भाजपा सरकार चला रहे थे. वे चाहते तो मामला सुलझा सकते थे. लेकिन नहीं सुलझाया.

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अभी भी वे अपनी पार्टी के प्रधानमंत्री से कुछ नहीं कह रहे हैं
ऽ पिछले साल जो राहत बोनस बांटने में दी गई थी वह इस साल फिर से रोक दी गई
ऽ माननीय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी बार बार चिट्ठी लिखते रहे. केंद्रीय कृषि और खाद्य मंत्री से मिले.
ऽ लेकिन केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को बोनस देने से रोक दिया और कहा कि यदि बोनस दिया तो केंद्रीय पूल में चावल नहीं ख़रीदेंगे
ऽ अगर भाजपा के सांसद और विधानसभा के नेता छत्तीसगढ़ के किसानों के साथ खड़े होते तो यह नौबत नहीं आती
ऽ इन सबके बावजूद राज्य की भूपेश सरकार किसानों को बोनस देने और उनका पूरा धान ख़रीदना चाहती है.
ऽ इसे लेकर भी भाजपा के नेता राजनीति कर रहे हैं.
ऽ किसानों को इनके बहकावे में आने की जगह सच को पहचानना होगा।

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गिरीश देवांगन की पत्रकारवार्ता के प्रमुख बिन्दु
ऽ किसानों से झूठ बोलने का काम रमन सिंह ने किया है।
ऽ बेरोजगारों को भत्ता,
ऽ 10 लिटर दूध देने वाली जर्सी गाय,
ऽ 300 रू. बोनस 5 साल तक
ऽ 2100 रू. धान समर्थन मूल्य
ऽ चाल, चरित्र और चेहरा बेनकाब हो गया है। भाजपाईयों ने कहा कि किसानों को 2500 रू. समर्थन मूल्य देने से बाजार की व्यवस्था बिगड़ेगी।
ऽ भूपेश बघेल जी ने दो घंटे में 11000 करोड़ का कर्ज माफ किया।
ऽ 2500 रू. में 80 मीट्रिक टन धान खरीद
ऽ इस वर्ष 85 मीट्रिक टन 2500 रू. में खरीदा जायेगा।
ऽ रमन सिंह में हिम्मत हो तो मोदी को झूठा कहे। झूठ बोलना तो भाजपा का चरित्र है।
ऽ भाजपा की केन्द्र सरकार का झूठ –
1 स्वामिनाथन कमेटी की सिफारिशे।
2 किसानों की आय दुगुना करना।
ऽ राज्य में भी झूठ बोला।
ऽ धान खरीदी में 15 वर्षो में घाटा और घोटाला रमन सिंह जी की सरकार ने किया है।
ऽ 2013 के घोषणा पत्र में एक-एक दाना धान की खरीद की बात भाजपा ने की थी। 2100 रुपए समर्थन मूल्य और 300 रुपए बोनस जो रमन सिंह ने कभी नहीं दिया।
ऽ 2018 में कांग्रेस का घोषणा पत्र में धान की खरीद की न्यूनतम दर 2500 रुपए प्रति क्विंटल में करने की बात कही।

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