कांग्रेस की प्रवृत्ति ही ‘आपातकाल’ है, सीएम ने इमरजेंसी को बताया इतिहास का सबसे काला दिन

कांग्रेस की प्रवृत्ति ही 'आपातकाल' है, सीएम ने इमरजेंसी को बताया इतिहास का सबसे काला दिन

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  • Publish Date - June 25, 2020 / 06:45 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:39 PM IST

भोपाल । कांग्रेस शासनकाल में 25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कहने पर उस समय राष्ट्रपति फखरूद्दीन अली अहमद ने आपातकाल का ऐलान किया था। आज आपातकाल के 45 वीं बरसी है। इस मौके पर सीएम शिवराजसिंह चौहान का बयान सामने आया है। सीएम शिवराज ने कहा कि सत्ता में बने रहने के लिए लोकतंत्र को कुचला गया था । संविधान की धज्जियां उड़ाई गई थीं । उस समय ऐसा फैसला किया गया था
असहमति रखने वालों को जेलों में डाल दिया गया था।

इंदिरा जी ने अमानक अत्याचार कराए थे। स्वतंत्र भारत मे ऐसी यातनाएं दी गई थीं। आपातकाल देश का सबसे काला दिन था। वहीं सीएम शिवराज ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि आज एक पार्टी उसी मानसिकता से काम कर रही है। मोदी जी का नेतृत्व अब सहन नहीं हो रहा है। कांग्रेस पार्टी के चरित्र को उसके नेता आज उजागर कर रहे हैं। पार्टी की मनोवृत्ति ही आपातकाल है।

बता दें कि कांग्रेस शासनकाल में 25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कहने पर उस समय राष्ट्रपति फखरूद्दीन अली अहमद ने आपातकाल का ऐलान किया था। आज आपातकाल के 45 वीं बरसी है। इस मौके पर बीजेपी की ओर से आज एक वीडियो शेयर किया गया, जिसका शीर्षक है- 25 जून 1975, आपातकाल लोकतंत्र का काला अध्याय। इसके साथ ही बीजेपी ने एक और ट्वीट किया और लिखा, ‘कांग्रेस की काली करतूत और भारतीय लोकतंत्र के सबसे दुःखद अध्याय 25 जून 1975 आपातकाल के विरोध में उठे हर स्वर का हृदय से वंदन.’।

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आपातकाल की बरसी पर आज बीजेपी पूरे मध्यप्रधेश में कालादिवस मना रही है। भोपाल स्थित बीजेपी मुख्यालय में कालादिवस को लेकर प्रदर्शनी लगाई गई है। प्रदर्शनी में भय, आतंक, लूट, हिंसा, हत्या, क्रूरता, बर्बरता, दमन को दर्शाते होर्डिंग लगाए गए हैं। वहीं आज आयोजित वर्चुअल रैली में आपातकाल के मुद्दे पर भी चर्चा हो सकती है।

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वहीं, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा, ‘भारत उन सभी महानुभावों को नमन करता है, जिन्होंने भीषण यातनाएं सहने के बाद भी आपातकाल का जमकर विरोध किया. ये हमारे सत्याग्रहियों का तप ही था, जिससे भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों ने एक अधिनायकवादी मानसिकता पर सफलतापूर्वक जीत प्राप्त की.’

भारत उन सभी महानुभावों को नमन करता है, जिन्होंने भीषण यातनाएं सहने के बाद भी आपातकाल का जमकर विरोध किया।