बासमती चावल को GI टैग देने के विरोध में सीएम शिवराज ने पंजाब सीएम से किया सवाल, कहा- मध्यप्रदेश के किसानों से क्या दुश्मनी है…

बासमती चावल को GI टैग देने के विरोध में सीएम शिवराज ने पंजाब सीएम से किया सवाल, कहा- मध्यप्रदेश के किसानों से क्या दुश्मनी है...

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  • Publish Date - August 6, 2020 / 08:59 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:17 PM IST

भोपाल। बासमती चावल के GI टैग को लेकर पंजाब और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री आमने-सामने आ गए हैं। MP के बासमती चावल को GI टैगिंग देने के पंजाब सरकार के विरोध पर CM शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर नाराजगी जताई है। वहीं पंजाब से सीएम अमरिंदर सिंह से सवाल किया है।

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सीएम शिवराज ने ट्वीट में लिखा है कि मैं पंजाब सरकार द्वारा मध्यप्रदेश के बासमती चावल को GI टैगिंग देने के मामले में प्रधानमंत्री को लिखे पत्र की निंदा करता हूं और इसे राजनीति से प्रेरित मानता हूं। सीएम शिवराज ने ट्वीट के जरिए पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह से सवाल किया है कि आखिर उनकी मध्यप्रदेश के किसान बन्धुओं से क्या दुश्मनी है। ये मध्यप्रदेश या पंजाब का मामला नहीं, पूरे देश के किसान और उनकी आजीविका का विषय है।

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CM ने लिखा कि मध्यप्रदेश को मिलने वाले GI टैगिंग से अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में भारत के बासमती चावल की कीमतों को स्टेबिलिटी मिलेगी और देश के निर्यात को बढ़ावा मिलेगा। आगे ये भी जिक्र किया कि मध्यप्रदेश के 13 ज़िलों में साल 1908 से बासमती चावल का उत्पादन हो रहा है। इसका लिखित इतिहास भी है। सिंधिया स्टेट के रिकॉर्ड में अंकित है कि साल 1944 में प्रदेश के किसानों को बीज की आपूर्ति की गई थी।

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पंजाब और हरियाणा के बासमती निर्यातक मध्यप्रदेश से बासमती चावल खरीद रहे हैं। भारत सरकार के निर्यात के आंकड़े इस बात की पुष्टि करते हैं। भारत सरकार वर्ष 1999 से मध्यप्रदेश को बासमती चावल के ब्रीडर बीज की आपूर्ति कर रही है। पाकिस्तान के साथ APEDA के मामले का मध्यप्रदेश के दावों से कोई संबंध नहीं है। क्योंकि ये भारत के GI Act के तहत आता है और इसका बासमती चावल के अंतर्देशीय दावों से इसका कोई जुड़ाव नहीं है। इस मामले में प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल और गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने पंजाब सरकार को घेरा है।

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