इंदौर। शहीद टंट्या भील की 178वीं जयंती के मौके पर इंदौर में बिरसा ब्रिगेड के द्वारा कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में शिरकत करने सीएम कमलनाथ,एनसीपी प्रमुख शरद पंवार के साथ ही सरकार में मंत्री उमंग सिंघार और झाबुआ सांसद कांतिलाल भूरिया मौजूद रहे। बड़ी संख्या में आदिवासी समाज जयंती में शामिल होने के लिए आया,जिसमें से अधिकतर लोग अपनी पारंपरिक वेशभूषा में नज़र आए। कई नौजवानों ने इस दौरान पैदल मार्च कर पातालपानी से दशहरा मैदान तक का सफर तय किया।
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शहीद टंट्या भील की 178वीं जयंती के मौके पर मंच से ब्रिगेड को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि गणतंत्र दिवस पर कई कार्यक्रम प्रदेश में है, पर मैंने यहां आना चुना। उन्होंने कहा की प्रदेश की पहचान देश-दुनिया में आदिवासी से थी और बिना आदिवासी के विकास के प्रदेश का विकास नहीं हो सकता। इतना ही नहीं मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि आपके कारण ही प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी,आज की जरूरत आदिवासी संस्कृति को जीवित रखने की है। सरकार सबसे ज्यादा प्राथमिकता आदिवासी नौजवानों को देगी। सरकार को आदिवासियों का रक्षक करार करते हुए कहा कि प्रदेश में कांग्रेस ने चार मंत्री दिए है, जिससे आदिवासियो की उन्नति हो सके। मुख्यमंत्री ने आदिवासियों को शिक्षा और रोजगार देने पर भी ज़ोर किया और कहा कि इस प्रदेश में कोई भी आदिवासी बेरोजगार नहीं रहेगा। ये वादा है आप सबसे।
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महाराष्ट्र से आए एनसीपीनेता शरद पंवार ने मंच से संबोधित करते हुए कहा कि आज ही के दिन पैदा हुए महानायक टंट्या भील ने समाज में अन्याय के खिलाफ लड़ने के लिए अपनी जीवन दिया। इस देश के विकास में आदिवासी का भी बड़ा योगदान है, उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के आदिवासी की समस्या एक-सी है, लेकिन खुशी इस बात की है कि आदिवासियों के विकास,शिक्षा और कृषि पर बात करने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री ने तैयारी की है। संसद भवन में भी टंट्या भील की प्रतिमा लगाने की मांग की जाएगी। उन्होंने कहा कि इसी जमीन पर महानायक टंट्या भील का जन्म हुआ और बाबा अंबेडकर का भी जन्म यहीं हुआ। इस दौरान उन्होंने देश का मालिक आदिवासी को बताया। पंवार ने कहा की देश में जंगल को संवारने और समृद्ध करने का काम आदिवासी ही करते हैं।