रायपुर: लोकसभा चुनाव 2019 के अंतिम चरण के मतदान की समाप्ती के साथ छत्तीसगढ़ सरकार अपनी योजनाओं की समीक्षा में जुट गई है। इसी के चलते सीएम भूपेश बघेल ने सोमवार को महत्वाकांक्षी योजना ‘नरवा, गरुवा, घुरवा अउ बारी‘ के प्रस्तावित कार्याें पर विचार मंथन किया। बैठक में इस योजना के तहत अभी तक किए गए कार्याे की समीक्षा की गई। बैठक में प्रदेश के मुख्य सचिव सुनील कुजूर, अपर मुख्य सचिव आरपी मंडल, केडीपी राव, सीके खेतान, प्रमुख सचिव गौरव द्विवेदी, मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा सहित संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
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बैठक के दौरान सीएम भूपेश बघेल ने अधिकारियों निर्देश देते हुए कहा कि ‘नरवा, गरुवा, घुरवा अउ बारी‘ एक दीर्घकालिक और खेती किसानी के साथ ही साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति देने की योजना है। इसके चलते इस योजना के जहज कार्य करने की समय सीमा में उदारता बरती जा रही है। इस योजना के लिए इसरो के माध्यम से किए जाए वैज्ञानिक मेपिंग आदि का उपयोग किया जाए। वहीं, इसकी सभी कार्याे को गुणवत्तापूर्ण तरीके से योजनाबद्व तरीके से जन सहभागिता से लागू किया जाए।
मुख्यमंत्री ने बिलासपुर जिले की अरपा नदी के कैचमेंट एरिया के नालों को पुनर्जीवित करने के लिए इनका ट्रीटमेंट प्रारंभ करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि नदी-नालों को रिजार्च करने के कार्य में अलग-अलग स्थानों की भू-संरचना का विशेष रूप से ध्यान रखा जाए। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि बेमेतरा जिले के बेरला तहसील में जहां शिवनाथ नदी में पानी रहता है। जबकि इलाके के तालाबों आदि का पानी सूख जाता है। उन्होंने पूछा कि बरसात के मौसम या अन्य समय में सौर ऊर्जा या अन्य साधनों से समीपवर्ती नालों एवं तालाबों को पानी से भरा जा सकता है?
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बैठक में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव आरपी मण्डल ने बताया कि प्रदेश के 27 जिलों में 1866 गौठान स्वीकृत किए गए हैं। प्रत्येक गौठान के लिए 5-6 एकड़ के मान से कुल 9 हजार 999 एकड़ जमीन आवंटित की गई है। हर विकासखण्ड में दो-दो माॅडल गौठान स्वीकृत किए गए है। गौठानों के विकास के लिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के अंतर्गत लगभग 305 करोड़ रूपए की राशि स्वीकृत की गई है। इसी तरह 27 जिलों में 847 चारागाहों के विकास के लिए लगभग 59 करोड़ रूपए की राशि स्वीकृत की गई है। चारागाहों के लिए 13 हजार 382 एकड़ जमीन आवंटित की गई है।
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उन्होंने बताया कि गौठानों में कोटना बनाकर सोलर पंप के माध्यम से पशुओं के लिए पानी की व्यवस्था की गई है। किसानों और पशुपालकों में उत्साह देखा जा रहा है। अनेक गौठानों में 40 से 50 प्रतिशत पशु आने प्रारम्भ हो गए है जन सहभागिता से चारे की व्यवस्था भी की जा रही है। गौठानों और चारागाहों में फलदार पौधे लगाने के लिए गड्ढ़े तैयार किए गए हैं। गौठानों में वर्मी कम्पोस्ट तैयार करने के लिए वर्मी बेड तैयार किए गए हैं।
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अपर मुख्य सचिव श्री केडीपी राव ने ‘नरवा, गरुवा, घुरवा अउ बारी‘ योजना के तहत कार्यकारी स्ट्रक्चर की जानकारी दी और बताया कि राज्य और जिला स्तर पर चार -चार समितियों का गठन किया गया है। पारम्परिक घुरूवा का उन्नयन स्मार्ट घुरूवा के रूप में करने तथा नाडेप एवं वर्मी कम्पोस्ट के माध्यम से जैविक खाद बनाने और बाॅयो गैस का निर्माण करने का कार्य किया जा रहा है। बलरामपुर जिले के रामानुजगंज विकासखण्ड में 96 हजार महिला कृषकों एक-एक उन्नयन करने में भागीदारी निभा रही है। घर के आगे, पीछे तथा समीप के स्थलों में बाडी को बढ़ावा देकर साग- सब्जी, फल उत्पादन को बढ़ाने का प्रयास है, जिससे किसानों को अतिरिक्त आमदनी तथा नागरिकों को गुणवत्तापूर्ण पोषण आहार मिले। बैठक में गौठान में छायादार एवं फलदार पौधों जैसे आम, कटहल, जाम, पीपल, बरगद, गुलमोहर, सबबूल आदि के रोपण करने पर बल दिया गया।
अपर मुख्य सचिव केडीपी राव ने ‘नरवा, गरुवा, घुरवा अउ बारी‘ योजना के तहत कार्यकारी स्ट्रक्चर की जानकारी दी और बताया कि राज्य और जिला स्तर पर चार-चार समितियों का गठन किया गया है। पारम्परिक घुरूवा का उन्नयन स्मार्ट घुरूवा के रूप में करने तथा नाडेप एवं वर्मी कम्पोस्ट के माध्यम से जैविक खाद बनाने और बाॅयो गैस का निर्माण करने का कार्य किया जा रहा है। बलरामपुर जिले के रामानुजगंज विकासखण्ड में स्व-सहायता समूह की 96 हजार महिला कृषक एक-एक घुरूवे के उन्नयन करने में भागीदारी निभा रही है। इसी तरह जशपुर जिले में स्व-सहायता समूह, कोण्डागांव एवं मुंगेली जिले में गौठान निर्माण, कांकेर जिले में बाडी निर्माण के क्षेत्र में किए जा रहे अच्छे कार्य सामने आ रहे है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में नरवा योजना के अंतर्गत 1385 कार्य स्वीकृत किए गए है जिसमें 313 कार्य प्रारंभ हो चुके हंै। राज्य में 1 लाख 7 हजार घुरूवे का निर्माण किया गया है और 69 हजार 274 बाडी का लक्ष्य हैं जिसमें से 7262 बाडी में पौध रोपण का कार्य प्रगति पर है। घर के आगे, पीछे तथा समीप के स्थलों में बाडी को बढ़ावा देकर साग- सब्जी, फल उत्पादन को बढ़ाने का प्रयास है, जिससे किसानों को अतिरिक्त आमदनी तथा नागरिकों को गुणवत्तापूर्ण पोषण आहार मिले।
अपर मुख्य सचिव सीके खेतान ने बताया कि नरवा के अंतर्गत छोटे नालों का पानी प्राकृतिक स्थल के अनुरूप जगह-जगह रोक कर वाटर रिचार्जिंग को बढ़ावा देना है। इसके अंतर्गत अनेक नालों का डीपीआर तैयार किया गया है। हर विकासखण्ड मे नालों का चिन्हांकन किया गया है।