पश्चिम बंगाल के तीन IAS अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति मामले में सीएम बघेल बोले- केंद्र सरकार राज्य के प्रशासनिक तंत्र पर कर रही अतिक्रमण

पश्चिम बंगाल के तीन IAS अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति मामले में सीएम बघेल बोले- केंद्र सरकार राज्य के प्रशासनिक तंत्र पर कर रही अतिक्रमण

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  • Publish Date - December 18, 2020 / 02:49 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:07 PM IST

रायपुरः पश्चिम बंगाल में पदस्थ तीन आईपीएस अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति के मुद्दे को लेकर एक बार फिर भाजपा और ममता बनर्जी सरकार आमने सामने हैं। कल ममता बनर्जी ने ट्वीट कर केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा है। वहीं, ममता बनर्जी के ट्वीट पर सीएम भूपेश बघेल ने रिट्वीट किया है। सीएम भूपेश बघेल ने कहा है कि संघवाद फिर से दांव पर है। केंद्र की भाजपा सरकार राज्यों के प्रशासनिक तंत्र पर अवैध कब्जा कर रही है और अधिकारियों का तबादला कर रही है। वो भी चुनावों से ऐन पहले। केंद्र का हस्तक्षेप बेहद आपत्तिजनक और निंदनीय है।

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बता दें कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बृहस्पतिवार को केन्द्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि तीन आईपीएस अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति का उसका आदेश सत्ता का घोर दुरुपयोग है और राज्य सरकार ‘‘विस्तारवादी’’ तथा ‘‘अलोकतांत्रिक’’ ताकतों के आगे नहीं झुकेगी। बनर्जी ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा कि यह केन्द्र द्वारा राज्य के अधिकार क्षेत्र का अतिक्रमण करने और पश्चिम बंगाल में सेवारत अधिकारियों का मनोबल घटाने के लिए जानबूझ कर किया गया प्रयास है। उन्होंने कहा, ‘‘ यह कदम, खासकर चुनाव से पहले संघीय ढांचे के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है। यह पूरी तरह असंवैधानिक और पूरी तरह अस्वीकार्य है।’’

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उल्लेखनीय है कि केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने भाजपा अध्यक्ष जे. पी. नड्डा के काफिले पर हुए हमले के मद्देनजर पश्चिम बंगाल में सेवारत भारतीय पुलिस सेवा के तीन अधिकारियों को कर्तव्य में कथित कोताही बरतने को लेकर केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए समन जारी किया है। बनर्जी ने ट्वीट किया, ‘‘ राज्य (पश्चिम बंगाल सरकार) की आपत्ति के बावजूद भारत (केंद्र) सरकार का पश्चिम बंगाल में सेवारत तीन आईपीएस अधिकारियों को केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर भेजे जाने संबंधी आदेश आईपीएस कैडर कानून 1954 के आपातकालीन प्रावधानों और ताकत का दुरुपयोग है।’’

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गृह मंत्रालय ने कहा कि आईपीएस कैडर कानून के अनुसार विवाद की स्थिति में राज्य की बजाय केन्द्र के आदेश या फैसले को वरीयता दी जाती है। मुख्यमंत्री ने कहा, कि ‘‘ हम केन्द्र द्वारा राज्य प्रणाली पर अप्रत्यक्ष नियंत्रण की अनुमति नहीं देंगे। पश्चिम बंगाल विस्तारवादी और अलोकतांत्रिक ताकतों के आगे नहीं झुकेगा।’’ बनर्जी का बयान पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव को गृह मंत्रालय द्वारा भेजे गए एक पत्र को सार्वजनिक किए जाने के कुछ ही मिनट बाद आया है।

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