कोरोना संक्रमण रोकने और ग्रामीण स्वास्थ्य के क्षेत्र में मितानिनों की अहम् भूमिका- CM भूपेश बघेल, मास्क, सैनिटाइजर, का अवश्य उपयोग करें

कोरोना संक्रमण रोकने और ग्रामीण स्वास्थ्य के क्षेत्र में मितानिनों की अहम् भूमिका- CM भूपेश बघेल, मास्क, सैनिटाइजर, का अवश्य उपयोग करें

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  • Publish Date - May 4, 2021 / 11:26 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:15 PM IST

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि मितानिन वर्तमान में गांव-गांव में कोरोना को रोकने में अहम् भूमिका निभा रही हैं। आज कोरोना महामारी की संकट की घड़ी में ग्रामीण क्षेत्रों में मितानिनों तथा ग्रामीण स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारी और बढ़ गई है। इसमें वे अपनी कड़ी मेहनत, अद्वितीय सेवा भावना और कर्तव्यनिष्ठा से स्वयं को सफल कर दिखाया है।
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मुख्यमंत्री बघेल ने आज राजधानी स्थित अपने निवास कार्यालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मितानिनों और ग्रामीण स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं से चर्चा कर कोरोना संक्रमण के हालात के बारे में जानकारी ली। उन्होंने इस दौरान बस्तर संभाग के समस्त जिलों सहित सरगुजा संभाग के जशपुर तथा कोरिया जिले के विभिन्न ब्लॉकों के ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण की स्थिति के संबंध में उनसे चर्चा की। इस अवसर पर मुख्य सचिव अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू तथा मुख्यमंत्री के सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि वर्तमान में कोरोना शहरी क्षेत्रों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी फैला हुआ है। ऐसी स्थिति में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में मितानिन और ग्रामीण स्वास्थ्य कार्यकर्ता डटकर अपना कार्य कर रहे हैं, वह सराहनीय है। उन्होंने बताया कि गांवों में अभी भी कोविड प्रोटोकॉल, हैण्डवाश, मास्क, सेनेटाईजर, वैक्सीन तथा आइसोलेशन आदि को लेकर जागरूकता की बहुत कमी है। ऐसे में उनकी जिम्मेदारी बढ़ जाती है कि वे अपने-अपने कार्य क्षेत्र की जनता और खासकर महिलाओं को कोरोना की गंभीरता के बारे में समझाएं और ग्रामीणों को सर्तकता बरतने के लिए अधिक से अधिक प्रेरित करें। साथ ही लक्षण वाले व्यक्ति को तुरंत कोरोना की दवा उपलब्ध कराएं और जांच कराने के लिए भी प्रेरित करें।
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मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि गांवों में लोग कोविड के लक्षणों को जानते समझते नहीं हैं। इसलिए उनका संक्रमण अंदर ही अंदर काफी बढ़ जाता है और स्थिति काफी गंभीर होने के बाद वे दवाई लेने जाते हैं, जिससे इनका इलाज करने में बहुत मुश्किलें आती है। इसे ध्यान में रखते हुए मितानिन और स्वास्थ्य कार्यकर्ता लोगों को कोविड के लक्षणों के बारे में भी समझाएं। उन्होंने कहा कि गांवों में फील्ड विजिट के समय मितानिन मास्क और सेनेटाइजर का अवश्य उपयोग करें, ताकि वे सुरक्षित रहें। इस हेतु मुख्यमंत्री ने सभी कलेक्टरों को सेनेटाइजर और मास्क की पर्याप्त उपलब्धता के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में हर मितानिन के पास कम से कम 5-5 कोरोना दवा किट हमेशा उपलब्ध रहे। साथ ही वे कोरोना से बचाव के लिए लोगों को भी मास्क पहनने, हैण्डवॉश, सेनेटाईजर के उपयोग तथा कोविड प्रोटोकॉल और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन अधिक से अधिक प्रेरित करें। मुख्यमंत्री बघेल ने जशपुर की तरह बस्तर संभाग में भी महिला समूहों को सेनेटाईजर के निर्माण के लिए प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि उनके द्वारा सेनेटाईजर के निर्माण से स्थानीय स्तर पर मितानिनों को वितरित करने में अच्छी सुविधा भी होगी।

मुख्यमंत्री बघेल ने इस दौरान सरगुजा संभाग के अंतर्गत जनपद पंचायत कांसाबेल, कोरिया जिले के अंतर्गत जनपद पंचायत बैकुण्ठपुर और बस्तर संभाग के अंतर्गत उत्तर बस्तर (कांकेर) जिले के अंतर्गत जनपद पंचायत कोयलीबेड़ा, भानुप्रतापपुर, कोण्डागांव जिले के अंतर्गत जनपद पंचायत केशकाल, जनपद पंचायत कोण्डागांव और बस्तर जिले के अंतर्गत जनपद पंचायत बस्तर, दक्षिण बस्तर (दंतेवाड़ा) जिले के अंतर्गत जनपद पंचायत दंतेवाड़ा, नारायणपुर जिले के अंतर्गत जनपद पंचायत नारायणपुर, जनपद पंचायत ओरछा और बीजापुर जिले के अंतर्गत जनपद पंचायत बीजापुर, सुकमा जिले के जनपद पंचायत सुकमा के मितानिनों और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं से एक-एक कर चर्चा की।