नईदिल्ली। मध्यप्रदेश के सियासी घमासन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने शुक्रवार को शाम 5 बजे तक फ्लोर टेस्ट कराए जाने का फैसला सुनाया है। इधर कोर्ट का फैसला आते ही मुख्यमंत्री निवास में गहमागहमी शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मंत्रियों की आपता बैठक बुलाई हैं।
बता दें कि सुनवाई पूरी होने के बाद कोर्ट ने शुक्रवार को मध्य प्रदेश विधानसभा में फ्लोर टेस्ट कराए जाने का फैसला सुनाया है। दोनों पक्षों ने अपनी दलीलें कोर्ट के सामने पेश की। सुनवाई के दौरान एमपी सरकार, सीएम और विधानसभा अध्यक्ष ने भी सुप्रीम कोर्ट में अपना जवाब पेश किया।
इससे पहले फ्लोर टेस्ट की मांग को लेकर लगाई गई याचिका पर सुनवाई के दौरान बागी विधायकों की ओर से मंनिदर सिंह ने कोर्ट को बताया कि स्पीकर ने 6 इस्तीफे स्वीकार किए हैं। लेकिन बाकी पर अभी तक उन्होंने फैसला नहीं लिया गया है। इसमें स्पीकर की दुर्भावना नजर आ रही है। ये विधायकों की मर्जी है कि वो इस्तीफा दें या सदन में न आएं। ये सब हमारा अधिकार है,उन्हें सदन आने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता।
मामले में कोर्ट में गवर्नर की ओर से तुषार मेहता ने कहा कि रोज़ लोकतंत्र को नुकसान हो रहा है। इस देश में संसद काम कर रही है, सुप्रीम कोर्ट काम कर रहा है फिर विधानसभा में ही सिर्फ कोरोना की बात कैसे आई? क्या इनके पास 15 मिनट नहीं था बहुमत साबित करने का लिए?