रायपुर: भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने शराब पर गौठान के लिए लगाए गए सेस का मुद्दा सदन में उठाया। सेस के दुरुपयोग को लेकर सरकार को विपक्षी सदस्यों ने जमकर घेरा। अजय चंद्राकर शिवरतन शर्मा और नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने इसे वित्तीय अनियमितता करार दिया। इसे लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस भी हुई। बाद में मंत्री रविंद्र चौबे के जवाब से असंतुष्ट विपक्षी सदस्यों ने सदन से वॉकआउट किया।
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दरअसल अजय चंद्राकर ने पूछा कि क्या गोठान के लिए शराब में सेस लगाई गई है? कोविड के लिए भी सेस लगाई गई है, लेकिन स्वास्थ्य को इसकी राशि नहीं मिली है। गोठान के लिए लगाए गए सेस का दुरूपयोग गोधन न्याय योजना में किया जा रहा है। 155 करोड़ की राशि में से विभाग को कितनी राशि मिली है? सेस का दूसरे मद में उपयोग किया जा रहा है।
इस पर कृषि मंत्री ने कहा कि सेस की राशि आबकारी विभाग ने कलेक्टर को दी, वो सरकारी खजाने में ही जमा की जाती है। जब भी आवश्यकता होती है उसका उपयोग किया जाता है। लेकिन अजय चंद्राकर इससे सहमत नहीं हुए और दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए सेस के 155 करोड़ के खर्च का ब्यौरा देने की मांग की।
दावा किया कि इसमें 350 लाख ही खर्च हुआ है बाकी पैसे कहां गए? कृषिमंत्री ने कहा कि जिस मद में सेस लगाया गया है, उसी मद में ही खर्च किया जा रहा है। गरीबों को गोधन न्याय योजना का लाभ देने को गोदान से अलग करके नहीं देखा जाना चाहिए। शिवरतन शर्मा ने सेस की राशि के दुरुपयोग को वित्तीय अनियमितता का मामला बताया। इसे लेकर दोनों पक्षों में तीखी बहस हुई ।बाद में विपक्ष ने मंत्री के जवाब से असंतुष्ट होकर बहिर्गमन कर दिया।