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Chhattisgarh Bijapur Naxal Attack: किसी ने खोया सपूत…तो उजड़ गई किसी की मांग…अर्थी उठते ही चित्कार उठा पूरा परिवार
Chhattisgarh Bijapur Naxal Attack: किसी ने खोया सपूत...तो उजड़ गई किसी की मांग...अर्थी उठते ही चित्कार उठा पूरा परिवार
Publish Date - April 5, 2021 / 06:33 PM IST,
Updated On - November 29, 2022 / 09:01 PM IST
रायपुर: बीजापुर हमले से किसी ने अपना सपूत खोया तो किसी की मांग उजड़ी। शहीदों का पार्थिव देह जब गृहग्राम पहुंचा तो पूरा माहौल गमगीन हो गया। राजकीय सम्मान के साथ शहीदों को अंतिम विदाई दी गई।
आंसूओं से भीगा हर आंख…अपनों को खोने के गम…अर्थी उठते ही चित्कार उठा पूरा परिवार..ये किसी एक परिवार की पीड़ा नहीं बल्कि बीजापुर नक्सली हमले में अपने सबकुछ बलिदान करने वाले सपूतों के गृहग्राम का हाल है। बीजापुर के तर्रेम में 22 जवानों ने अपनी शहादत दी। देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वालों का पार्थिव शरीर जैसे ही शहीदों के गृहग्राम पहुंचा आंसूओं का सैलाब बहा.. वीर सपूत अमर रहे के नारों से पूरा आकाश गूंजायमान हो गया। भैरमगढ़ के शहीद शंकरनाथ को उनके 6 साल के बेटे ने मुखाग्नि दी। मासूम बेटे ने बड़ा होकर पिता के सपनों को पूरा करने पुलिस में भर्ती होने की बात कही।
शहीद सहायक आरक्षक सनकुराम सोढ़ी को धुर नक्सल प्रभावित इलाके उनके गृहग्राम पेद्दापाल में आखिरी सलामी देकर अंतिम संस्कार किया गया। शहीद जवान की पत्नी ने अपने सुहाग को मुखाग्नि दी।
शहीद रमेश कुमार जुर्री का पार्थिव देह जब केशकाल के पंडरीपानी पहुंचा तो युवाओं ने बाइक रैली निकालकर शहीद का अंतिम स्वागत किया। शहीद की पत्नी ने अपने सुहाग की चिता को मुखाग्नि दे मिसाल पेश की।
जांजगीर के शहीद दीपक भारद्वाज का शव हेलीकॉप्टर से रायगढ़ के जिंदल एयरपोर्ट पहुंचा। जहां पार्थिव देह को गृहग्राम मालखरौदा रवाना किया गया।
शहीद श्रवण कश्यप का अंतिम संस्कार जगदलपुर के बनियागांव में किया गया। इस दौरान पूरे गांव में मातम पसरा था। बड़ी संख्या में लोगों ने नम आंखों से वीर सपूत को अंतिम विदाई दी।
शहीद सहायक आरक्षक किशोर एंड्रिक का अंतिम संस्कार बीजापुर के चेरपाल में किया गया। शहीद के छोटे भाई हेमंत एंड्रिक में मुखाग्नि दी।
शहीद सहायक आरक्षक भोसाराम करटामी को उनके गृहग्राम एकेली में अंतिम विदाई दी गई। शहीद जवान को उनके चाचा मुन्ना करटामी ने मुखाग्नि दी।
गरियाबंद के शहीद सुखसिंह फरस का जब पार्थिव देह पहुंचा तो लोगों ने पुष्प वर्षा की, तिरंगा चौक पर शहीद जवानों को नमन किया गया।
सरगुजा के शहीद रमाशंकर का पार्थिव देह जब गृहग्राम पहुंचा को हर किसी की आंखे नम थी। वीर शहीद का लोगों ने नम आंखों से स्वागत किया।
राजनांदगांव के शहीद जगत राम कंवर का अंतिम संस्कार उनके गृहग्राम आलीखूंटा में राजकीय सम्मान के साथ किया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।
आखिर कब तक छत्तीसगढ़ की माटी खून से लाल होती रहेगी? कब तक छत्तीसगढ़ महतारी अपना वीर सपूत खोते रहेंगी? कब तक किसी सुहागन का सुहाग उजड़ता रहेगा? कब तक मासूम अनाथ होते रहेंगे? लाल दहशतगर्दों को इसका जवाब तो देना होगा?