जबलपुर: भले सरकार और प्रशासन ऑक्सीजन की किल्लत ना होने का दावा कर रही हो, लेकिन जबलपुर के हालात भयावह है। IBC24 के रियलिटी चेक में खुलासा हुआ कि जबलपुर के तमाम अस्पतालों में एक भी वेंटिलेटर खाली नहीं है। वेंटिलेटर तो दूर, हमने जब लोगों की शिकायतों पर अस्पतालों में आईसीयू बैड की उपलब्धता जानी, तो जबलपुर के किसी भी अस्पताल में ऑक्सीजन युक्त आईसीयू बेड भी नहीं मिला।
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चारों तरफ जलती चिताएं और अंतिम संस्कार के इंतजार में पड़े शव, खौफ पैदा करते हैं। तस्वीरें जबलपुर के चौहानी श्मशान घाट की हैं। अंतिम संस्कार के लिए यहां जगह कम पड़ गए हैं। गुरुवार को 64 शवों का कोरोना प्रोटोकॉल के तहत अंतिम संस्कार किया गया। अब सवाल ये है कि कोरोना से मौतें क्यों हो रही हैं। लोगों की शिकायतें हैं कि शहर के अस्पतालों में वेंटिलेटर और ऑक्सीजन युक्त बेड ही नहीं मिल पा रहे, जिससे कोरोना मरीज दम तोड़ रहे हैं। प्रशासन ने बेड की उपलब्धता के लिए 5 हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं। हमने एक एक कर सभी में कॉल किया। बड़ी मुश्किल से एक नंबर पर फोन उठा, और उसने जो बताया वो हैरान करने वाला था।
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हमें बताया गया कि वैसे को जबलपुर के अस्पतालों में 173 कोविड बेड हैं, लेकिन उसमें ऑक्सीजन की सुविधा नहीं है। आखिरकार हमें 2 अस्पतालों के नंबर दिए गए, पहला नंबर स्वास्तिक अस्पताल का था, जिसमें कई फोन करने के बावजूद नंबर स्विच ऑफ मिला और दूसरा नंबर पीजी मल्टीस्पेशयलटी हॉस्पिटल का था। यहां फोन तो उठा लेकिन हमें बताया गया कि ना तो वैंटिलेटर है और ना ही आईसीयू का भी बेड खाली है। वजह है कि ऑक्सीज़न नहीं मिल रहा।
सरकार प्रदेश में ऑक्सीज़न की कमी ना होने का दावा कर रही है तो जबलपुर की ये हकीकत, व्यवस्था को आइना दिखा रही है। ऐसे में इस पर सियासत भी जमकर हो रही है। पूर्व वित्त मंत्री तरुण भनोट ने कहा कि बेहद खराब हालात हैं, लेकिन सरकार जरा भी गंभीर नहीं है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर ऑक्सीजन सप्लाई दुरुस्त नहीं हुई तो दूसरे जिलों की सप्लाई रोक देंगे।
दूसरी तरफ कलेक्टर कर्मवीर शर्मा का कहना है कि कोरोना संक्रमण इतनी तेजी से फैल रहा है कि प्रशासन की तीन गुनी तैयारियां भी काम नहीं आईं। कलेक्टर अब ऑक्सीजन के वैकल्पिक इंतज़ाम करने की बात कह रहे हैं। वाकई में हालात बेकाबू हो रहे हैं, पूरे महाकौशल अंचल का भी कमोबेश यही हाल है। हालात इसीलिए भी गंभीर हैं क्योंकि पड़ोसी जिलों के तमाम गंभीर मरीज, जबलपुर का रुख कर रहे हैं। ऐसे में यहां के स्वास्थ्य हालात भयावह हैं। आने वाले दिनों में क्या होगा इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।