बिलासपुर: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने मंगवार रेलवे द्वारा दायर याचिका पर अपना फैसला सुनाया। कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा है कि हिन्दू विधि के अनुसार दूसरी शादी अवैध है, लेकिन दूसरी पत्नी से पैदा हुआ बच्चा भी अनुकंपा नियुक्ति के लिए पात्र है। हिंदु विवाह अधिनियम के अनुसार दूसरी शादी अवैध है, लेकिन दूसरी शादी से पैदा हुए बच्चे वैध माने जाते हैं और पिता की संपत्ति में हक रखते हैं। हाईकोर्ट ने रेलवे की याचिका को खारिज करते हुए दूसरी पत्नी के संतान को 45 दिन के भीतर अनुकंपा नियुक्ति देने का निर्देश दिया है। मामले में सुनवाई चीफ जस्टिस की डिविजन बेंच में हुई।
दरसअल बिलासपुर की रहने वाली ऋचा लामा के पिता गणेश लामा रेल कर्मचारी थे, उनकी मृत्यु के बाद दूसरी पत्नी की पुत्री ऋचा ने अनुकंपा नियुक्ति के लिए रेलवे में आवेदन दिया था। आवेदन पर रेलवे द्वारा विचार नहीं किए जाने पर प्रार्थी ने कैट में परिवाद दाखिल किया, जहां से कैट ने ऋचा लामा के पक्ष में फैसला सुनाया। कैट के फैसले के खिलाफ रेलवे बोर्ड ने हाईकोर्ट में याचिका लगाते हुए कहा कि रेलवे बोर्ड के सर्कुलर के अनुसार रेल कर्मचारियों को दूसरी शादी करने की अनुमति नहीं है। रेलवे बोर्ड ने अपनी याचिका में कहा था कि आवेदन दूसरी पत्नी की संतान के लिए किया गया है, इसलिए वह अनुकंपा नियुक्ति के लिए पात्र नहीं है।
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