रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र के प्रश्नकाल के दौरान उद्योग मंत्री कवसी लखमा के जवाब को लेकर विपक्ष ने हंगामा शुरू हो गया था। दरअसल मंत्री प्रदेश के सीमेंट कम्पनी का क्लिंकर बाहर भेजे जाने के प्रश्न पर कवसी लखमा के साथ अन्य मंत्री भी जवाब देने लगे थे। इसी बात को लेकर विपक्ष ने हंगामा कर दिया था। इसके बाद स्पीकर चरणदास महंत ने संसदीय कार्य मंत्री रविन्द्र चौबे को निर्देश देते हुए कहा कि अपने आप अपने विधायक को समझाए कि वो प्रश्नकाल के दौरान व्यवधान पैदा ना करें।
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मिली जानकारी के अनुसार भाजपा विधायक सौरभ सिंह ने सदन में उद्योग मंत्री से सवाल किया था कि सीमेंट कम्पनी का क्लिंकर बाहर भेजा जा रहा है। इससे इससे प्रदेश को 350 करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान हो रहा है।
सौरभी सिंह के प्रश्न का जवाब देते हुए मंत्री लखमा ने कहा कि इसे नहीं रोका जा सकता ये केंद्र सरकार की गाइडलाइन है। कवासी लखमा के जवाब को लेकर विपक्ष में नोकझोक शुरू हो गई। इसके बाद उद्योग मंत्री लखमा ने कहा कि केंद्र सरकार की गाइड लाइन है क्लिंकर को बाहर भेजा जा सकता है।
इसके बाद कवासी लखमा को पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने कहा कि क्लिंकर बाहर भेजे जाने से छत्तीसगढ़ को जीएसटी का कोई नुकसान नहीं हो रहा है। इस दौरान उघोग मंत्री कावसी लखमा के साथ बाकी मंत्रियों के जवाब देने से विपक्ष के नेता नाराज हो गए।
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वहीं, दुर्ग विधायक अरूण वोरा ने सदन में अजय चंद्राकर को उंगली दिखाकर कुछ ऐसी बात बोल दिए, जिसे लेकर एक बार फिर विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया था। इसके बाद नेता प्रतिपक्ष धरम लाल कौशिक ने सभी को समझाइश देते हुए कहा कि अध्यक्ष के निर्देश का पालन होना चाहिए।
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